Bihar News: पटना जिले के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल व कुछ बड़े अस्पतालों के अलावा कितने डेंगू और मलेरिया के मरीज मिल रहे हैं, इसकी सही जानकारी स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है. इसका सबसे बड़ा कारण जिले के अधिकांश प्राइवेट अस्पताल और लैब विभाग को आंकड़े की जानकारी नहीं दे रहे हैं. खास बात तो यह है कि डेंगू व मलेरिया के लिए नजर बनाये रखने के लिए गठित सर्विलांस टीम भी फेल साबित हो गयी है. नतीजतन विभाग के पास आधा अधूरा ही रिकॉर्ड है.
मलेरिया और डेंगू को किया गया है नोटिफाइड डिजीज घोषित
जानकारों की मानें, तो मलेरिया और डेंगू को नोटिफाइड डिजीज घोषित करने के साथ सभी अस्पतालों को यह निर्देश दिया गया था कि अगर जांच सैंपल पॉजिटिव आता है, तो जांच सैंपल पीएमसीएच मेडिकल कॉलेज को भेजें और मेडिकल कॉलेज और सिविल सर्जन कार्यालय को रिपोर्ट करें कि उनकी लैब या अस्पताल में कितने मरीज पॉजिटिव पाये गये हैं. जबकि जानकारों का कहना है कि शहर के अधिकांश प्राइवेट अस्पतालों में डेंगू के मरीज रोजाना भर्ती हो रहे हैं. इनकी तुलना में सिर्फ अधिकतम 70 से 75 मरीज ही चिह्नित हो रहे हैं. सूत्रों की मानें, तो जिले में अगर सही आंकड़ा जोड़ दिया जाये, तो संख्या 150 के पार पहुंच जायेगी. सही आंकड़ा मिले, इसके लिए ही सर्विलांस टीम को निर्देश दिया गया है.
Also Read: Viral Video: भोजपुर में तैनात एक महिला सिपाही ने वर्दी पहनकर बनाई रील, सोशल मीडिया पर वायरल
स्वास्थ्य विभाग के पास रिपोर्ट की सूचना नहीं जा रही
अस्पताल व पैथोलॉजी सेंटरों में कितने रोगी रिपोर्ट किये गये हैं, इसकी जानकारी देने के बाद स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन को जानकारी अपडेट हो जाती है. मगर सिविल सर्जन कार्यालय व मेडिकल कॉलेज में सूचनाएं नहीं जा रही हैं, इससे मरीजों की संख्या अपडेट नहीं हो पा रही है. वहीं सिविल सर्जन मिथलेश्वर कुमार ने बताया कि डेंगू और मलेरिया के मरीजों की रिपोर्ट देने के लिए सरकारी के साथ-साथ प्राइवेट अस्पतालों व लैब संचालकों को निर्देश दिया गया है. इसके लिए अलग से टीम भी गठित की गयी है. हालांकि कुछ बड़े अस्पताल ने डेंगू मरीज के भर्ती होने की जानकारी दी है. लेकिन अधिकांश अस्पताल जानकारी नहीं दे रहे हैं. इसको लेकर रिमाइंडर पत्र जारी किया जा रहा है, अगर निर्देश का पालन नहीं किया गया तो नियमानुसार कार्रवाई भी की जायेगी.