बिहार विधानसभा के चालू सत्र में रोजाना कुछ मुद्दों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे के आमने-सामने रहती है. हाल में ही विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाते हुए सदन के अंदर कहा था कि सरकार के 60 प्रतिशत से अधिक मंत्री दागी छवि के हैं. जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने उन्हें रोकते हुए कहा था कि सदन के अंदर बेबुनियाद आरोप नहीं लगाने दिया जा सकता है. उन्होंने तेजस्वी यादव को निर्देश दिया था कि वो पहले उन सबूतों को पेश करें जिससे इसकी पुष्टि हो सके.
तेजस्वी के आरोप लगाने के बाद जब विधानसभा अध्यक्ष ने सबूत पेश करने की सलाह दी तो तेजस्वी ने इसपर हामी भी दी थी. लेकिन जब वो अगले दिन सबूतों के साथ नहीं आए तो सत्ता पक्ष के नेताओं ने इसका विरोध किया और सबूत की मांग की. इस क्रम में ही शुक्रवार को तेजस्वी यादव सबूत पेश करने का दावा कर सदन आये.
उन्होंने सबूत के रुप में ADR की रिपोर्ट पेश की. तेजस्वी ने उन दावों को ही अपने आरोप का आधार बनाया जो दावा निर्वाचन अधिकारी समूह एडीआर (एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफार्म्स) ने किया था. एडीआर चुनाव के दौरान उम्मीदवारों के द्वारा जमा किये गए शपथ पत्र में किए गए जिक्र के आधार पर इस रिपोर्ट को जारी करने का दावा करता है.
जब तेजस्वी ने अपने दावों का आधार ADR रिपोर्ट बताया तो विधानसभा अध्यक्ष ने मामले को बेहद हल्के में लिया और नेता प्रतिपक्ष से कहा कि ये रिपोर्ट कुछ खास नहीं है. ये सार्वजनिक है, जिसे सभी लोग देख सकते हैं. उन्होंने कहा कि ये रिपोर्ट शपथ पत्र के हवाले से बनायी जाती है. उन्होंने कहा कि इसमें मेरा नाम भी आपको मिल सकता है. आचार संहिता का मामला भी इसमें जोड़ दिया जाता है. 10 साल पहले का आचार संहिता का कोइ आरोप भी लगा हो तो इसमें उसका जिक्र होगा. अगर इसे आधार बना लें तो इस सदन में सभी लोग इसमें शामिल हो जायेंगे. उन्होंने तेजस्वी से कहा कि आप ये भी जान लें कि इस रिपोर्ट के आधार पर आप भी नहीं बचे हैं, इसमें आपका भी नाम है.
वहीं उन्होंने तेजस्वी को सलाह दी कि इस रिपोर्ट को सदन में पेश करने की जरुरत नहीं थी. ये पहले से सार्वजनिक है. वहीं तेजस्वी ने इस मामले में कहा कि मैंने सदन में दागी मंत्रियों के बारे में जिक्र किया था तो विधानसभा अध्यक्ष ने तथ्य भी मांगा था. इस वजह से मैंने वैसे मंत्रियों की सूची सौंप दी है. तेजस्वी ने कहा कि एडीआर रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि 31 मंत्रियों में से 18 यानी 64 प्रतिशत मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं और उनमें 14 मंत्री ऐसे हैं जिनपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
Posted By: Thakur Shaktilochan