profilePicture

Bihar News: टीइटी-एसटीइटी पास नियोजित शिक्षक दे सकेंगे प्रधान शिक्षक नियुक्ति परीक्षा

Bihar News: पटना हाइकोर्ट ने टीइटी व एसटीइटी पास नियोजित शिक्षकों को अंतरिम राहत देते हुए उन्हें प्रधान शिक्षक की नियुक्ति परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दे दी है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 9, 2021 6:53 AM
an image

Bihar News: पटना हाइकोर्ट ने टीइटी व एसटीइटी पास नियोजित शिक्षकों को अंतरिम राहत देते हुए उन्हें प्रधान शिक्षक की नियुक्ति परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दे दी है. चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार के पीठ ने टीइटी, एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. याचिकाकर्ता ने प्रधान शिक्षक नियुक्ति नियमावली को भ्रामक बता कर हाइकोर्ट में चुनौती दी है और इसमें सुधार की मांग की है.

याचिकाकर्ता का कहना है कि जब शिक्षक बनने के लिए टीइटी अनिवार्य है तो अन्य राज्यों की तरह प्रधान शिक्षक बनने के लिए भी टीइटी योग्यता को लागू करना चाहिए. हाइकोर्ट ने टीइटी-एसटीइटी पास नियोजित शिक्षकों को प्रधान शिक्षक की परीक्षा देने की इस शर्त के साथ अनुमति दी है कि इसका रिजल्ट कोर्ट के अंतिम फैसले के बाद लागू होगा. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता कोर्ट के फैसले से पहले किसी भी अधिकार का दावा नहीं करेंगे.

डिग्री कॉलेज के प्राचार्य 62 की जगह अब 65 साल में होंगे रिटायर

विधि संवाददाता. पटना हाइकोर्ट ने डिग्री कॉलेजों के प्राचार्यों को बड़ी राहत दी है. हाइकोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि डिग्री कॉलेज के प्राचार्य शिक्षक की श्रेणी में आते हैं, न कि शिक्षकेतर कर्मी की श्रेणी में. सरकार ने अंगीभूत व संबद्धताप्राप्त डिग्री कॉलेजों के उन प्राचार्यों को, जिन्होंने 2017 में 62 वर्ष की उम्र पूरी की थी, उन्हें सेवानिवृत्त करा दिया गया, जो गैर कानूनी था.

इन कॉलेजों के प्राचार्यों को 65 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त कराया जाना चाहिए था. यह आदेश न्यायाधीश ए अमानुल्लाह ने कॉमर्स कॉलेज, पटना के प्राचार्य डॉ बबन सिंह और लॉ कॉलेज, पटना के प्राचार्य राकेश वर्मा और अन्य की रिट याचिका पर दिया. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई पूरी कर फैसला पहले ही सुरक्षित रख लिया था, जिसे शुक्रवार को सुनाया. मालूम हो कि राज्य के अंगीभूत कॉलेजों के 30 प्राचार्य और संबद्धताप्राप्त कॉलेजों के 150 प्राचार्यों को 62 वर्ष की उम्र में ही सेवानिवृत्त करा दिया गया था.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

Next Article

Exit mobile version