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Bihar News: सचिवालय में बदलेगी ’12 तक लेट नहीं, 3 के बाद भेंट नहीं’ कार्यशैली, अब होगी ये कार्रवाई

Bihar News: मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने इस कार्य संस्कृति को गैर जिम्मेदार रवैये माना है और इसको गंभीरता से लेते हुए ऐसे कर्मचारियों पर कार्रवाई का निर्देश जारी किया है.

Bihar News: पटना. बिहार सचिवालय में वर्षों पुरानी कार्यशैली 12 बजे तक लेट नहीं, 3 बजे के बाद भेंट नहीं अब बदलनेवाली है. बिहार में सचिवालय के सभी विभागों और अधीनस्थ कार्यालयों में राज्यकर्मी समय पर नहीं आयेंगे तो उनका वेतन कटेगा. बताया जा रहा है कि इस कार्य संस्कृति के कारण सचिवालय में बायोमेट्रिक हाजिरी में भी लापरवाही हो रही है. इस मामले में अब राज्य सरकार सख्त हो गई है. मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने इस कार्य संस्कृति को गैर जिम्मेदार रवैये माना है और इसको गंभीरता से लेते हुए ऐसे कर्मचारियों पर कार्रवाई का निर्देश जारी किया है. देरी से ऑफिस आनेवाले कर्मचारियों को पहले हिदायत दी जाएगी, फिर उनकी छुट्टी काटी जाएगी और फिर भी वे नहीं सुधरे तो उनके वेतन में कटौती की जाएगी.

मुख्य सचिव ने विभागीय अधिकारी को भेजा पत्र

मुख्य सचिव ने कर्मचारियों की लापरवाही की जानकारी मिलने के बाद सभी विभागों के विभाध्यक्षों के साथ ही पुलिस महानिदेशक को एक पत्र भेजा है. इसमें 2007 से बहाल पांच दिवसीय कार्य सप्ताह प्रणाली का हवाला देकर कहा गया है कि पूर्व से यह व्यवस्था बनाई गई हैकि कर्मचारी समय पर कार्यालय आएंगे और आधार से लिंक बायोमेट्रिक पर उपस्थिति दर्ज कराएंगे. इस व्यवस्था से एक-एक कर्मचारी अवगत भी हैं. बावजूद इस कार्य में लापरवाही की जानकारी मिल रही है. पत्र में कहा गया है कि कर्मचारियों के लिए कार्यालय के लिए निर्धारित समय पर आने और आधार लिंक बायोमेट्रिक पर उपस्थिति की व्यवस्था का कड़ाई से पालन कराना सुनिश्चित किया जाए.

हर हाल में समय का पालन कराने का निर्देश

उन्होंने निर्देश दिया कि समय-समय पर विभाग के पदाधिकारी कार्यालयों में निरीक्षण करें कि कर्मचारी समय पर आ रहे हैं या नहीं. बायोमेट्रिक पर उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं या नहीं. जो कर्मचारी विलंब से आते हैं उन्हें हिदायत दी जाए, यदि इसके बाद भी सुधार नहीं होता है तो उसके अवकाश से कटौती की जाए. विशेष परिस्थिति में आवश्यक छूट विभागाध्यक्ष दे सकते हैं. इसी प्रकार जो कर्मचारी पदस्थापना की प्रतीक्षा में हैं या किसी कर्मी के विरुद्ध कार्रवाई चल रही है तो पूर्व में किए गए प्रावधान के तहत उपस्थिति पंजी में उनकी उपस्थिति दर्ज कराने की व्यवस्था की जाए. पांच दिनों का कार्य सप्ताह निर्धारित करने का मकसद यही था कि कर्मचारी समय पर आएं, इसलिए इस नियम का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए.

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