कोरोना संक्रमण के कारण पिछले आठ माह से सील इंडो-नेपाल बॉर्डर को खुलवाने के लिए गुरुवार को सीमा से सटे नेपाल के गौर शहर के लोगो ने नेपाली बॉर्डर पर हंगामा किया. बैरगनिया-गौर बॉर्डर के पास हजारों की संख्या में पहुंचे नेपाली नागरिक जबरन बैरियर को पार कर भारतीय सीमा क्षेत्र में प्रवेश करना चाह रहे थे. प्रदर्शन में शामिल लोग नेपाल की ओली सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की. जिसे गौर भंसार कार्यालय की सुरक्षा में तैनात नेपाल सशस्त्र प्रहरी के जवानों ने भारी मशक्कत के बाद रोक दिया.
प्रदर्शन व हंगामा में शामिल नेपाल समाजवादी जनता पार्टी के नेता रेवंत झा व अनिल कुमार सिंह ने बताया कि पिछले आठ महीने से बॉर्डर सील रहने के कारण सीमावर्ती लोगो को रोजमर्रा की जरूरत की सामग्रियों की भारी किल्लत हो गयी है. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि एक तरफ सरकार ने दुकान, बाजार, उद्योग धंधे के साथ साथ यातायात को पूर्व की तरह से बहाल कर दिया है. परंतु बॉर्डर अभी भी सील है.
बताया कि दशहरा जैसे पर्व में भी बॉर्डर नहीं खुल सका. अब दीपावली के साथ-साथ लोक आस्था का महापर्व सामने है. इसके बावजूद भी सरकार बॉर्डर नहीं खोल रही है. बताया कि उनलोगों की 80 प्रतिशत खरीदारी बैरगनिया बाजार से होती है. वहीं, छठ पर्व की अधिकांशतः सामग्री वहां के लोग बैरगनिया बाजार में बेचकर जीविकोपार्जन करते हैं. बताया कि दोनों देशों के बीच सदियों से धार्मिक सांस्कृतिक रिश्ते के साथ-साथ बेटी रोटी का भी संबंध है. छठ के अवसर पर महिलाएं अपने मायके जाती हैं, परंतु बॉर्डर सील होने के कारण सैकड़ों महिलाएं अपने मायके नही जा सकेगी.
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि पहले भी रौतहट के प्रमुख जिलाधिकारी को बॉर्डर खोलने के लिये ज्ञापन सौंपा जा चुका है. इसके बाद भी बॉर्डर नही खुल सका है. बॉर्डर पर प्रदर्शन की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे नेपाल सशस्त्र प्रहरी बल 11 नंबर गण के गणपति एसपी सूर्य बहादुर सेन ओली ने जिलाधिकारी से बात कर बॉर्डर खुलवाने की पहल करने का आश्वासन देकर प्रदर्शनकारियों को शांत कराकर वापस भेज दिया.
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मालूम हो कि बॉर्डर सील होने के कारण नेपाल व भारत के लोग चोरी छिपे एक दूसरे देश मे आवाजाही कर रहे हैं. जिसके चलते अब तक दोनों देशों के करीब आधा दर्जन लोग बॉर्डर पर फैले बाढ़ व बरसात के पानी मे डूब कर अपनी जान गवां चुके हैं.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya