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बिहार के कुख्यात अपराधियों को दबोचने में अब नहीं होगी देर, एक क्लिक से ऑनलाइन खुल जाएगी बदमाशों की पूरी कुंडली

बिहार मेंं कुख्यात अपराधियों की पूरी कुंडली अब एक क्लिक पर खुल जाएगी. सभी जिलों में ऑनलाइन डाटाबेस तैयार होंगे. जिससे अब अपराध के बाद बदमाशों को दबोचने में अधिक वक्त नहीं लगेगा.

बिहार के सभी कुख्यात अपराधियों का एक विशेष डाटाबेस तैयार किया जा रहा है. एसटीएफ (स्पेशल टॉस्क फोर्स) सभी जिलों के साथ मिल कर कुख्यात अपराधियों की पूरी विस्तृत जानकारी लेकर इसे तैयार करवा रही है.

डाटाबेस तैयार करने के बाद इसे एक विशेष वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जायेगा. इस विशेष वेबसाइट के माध्यम से सभी अपराधियों का पूरा क्राइम रिकॉर्ड और उनकी प्रोफाइल ऑनलाइन हो जायेगी, जिसे कभी भी कोई भी थाना या एसटीएफ के अधिकारी या पदाधिकारी देख सकते हैं.

इसमें मुख्य रूप से वैसे अपराधियों का रिकॉर्ड होगा, जो संगठित अपराध में शामिल हैं या गिरोह बनाकर सोना लूट, बैंक डकैती, रंगदारी जैसे अन्य सभी संगठित आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते हैं. साथ ही जो अपराधी लगातार इस तरह के अपराध में लिप्त हैं. इस सॉफ्टवेयर की मदद से इनकी पूरी कुंडली किसी भी समय कहीं से खंगाली जा सकती है.

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वर्तमान में बिहार के लगभग 150 कुख्यात अपराधियों की सूची एसटीएफ के पास मौजूद है, जिनमें करीब 50 अपराधी इनामी हैं. इसमें अधिकतर संगठित अपराध को अंजाम देने वाले गिरोह से जुड़े हैं. सभी जिलों में आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाले इन अपराधियों को दबोचने के पीछे एसटीएफ लगी हुई है. इनकी गिरफ्तारी के लिए तेजी से प्रयास किये जा रहे हैं. हाल के दिनों में इसमें दो-तीन अपराधी गिरफ्त में आ चुके हैं. इन अपराधियों की पूरी जानकारी भी इस वेबसाइट पर रहेगी.

इस ऑनलाइन रिकॉर्ड का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि एसटीएफ को सभी जिलों में बेहतर समन्वय स्थापित कर संगठित अपराध की वारदातों को अंजाम देने वाले क्रिमिनल को पकड़ने में काफी मदद मिलेगी. आमूमन बैंक लूट, ज्वेलरी दुकानों में डकैती जैसे अन्य बड़े वारदातों को अंजाम देने के बाद अपराधी पुलिस से बचने के लिए तुरंत-तुरंत अपना लोकेशन बदलते रहते हैं. ऐसे में उनका पीछा करने और दबोचने में स्थानीय या जिला स्तरीय पुलिस को काफी समस्या होती है. इसमें एसटीएफ का रोल सबसे अहम हो जाता है और इस तरह के ऑनलाइन डाटाबेस ऐसे अपराधियों को जल्द- से -जल्द पकड़ने में काफी मददगार साबित होंगे.

इससे संगठित अपराध को अंजाम देने वाले गिरोहों का सफाया करने में भी काफी मदद होगी. पिछले वर्ष वैशाली और मुजफ्फरपुर जिलों में बैंक डकैती और सोना लूट की काफी घटनाएं हुई थीं. इसमें शामिल गिरोहों को पकड़ने में एसटीएफ की भूमिका काफी अहम रही थी, परंतु जिलों से अपराधियों का डोजियर तुरंत शेयर करने में समस्या आने से इनका खुलासा करने में काफी समय लग गया था. इन बातों का ध्यान रखते हुए यह पहल की जा रही है.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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