राजधानी पटना में ट्रक ड्राइवरों ने सोमवार को चक्का जाम कर दिया है. नए कानून के खिलाफ ट्रक ड्रइवरों ने कहा कि इससे कई प्रकार की समस्याएं हो जांएगी. उन्होंने कहा कि हिट एंड रन के मामले में जो नया कानून केंद्र सरकार की ओर से लाया गया है उससे ट्रक ड्राइवर काफी परेशान हो जायेंगे.
दरअसल, हिट ऐंड रन केस में दस साल की सजा के प्रावधान के बाद ट्रक ड्राइवरों और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स द्वारा चक्काजाम किया गया है. इसका असर पटना के खानपान और अन्य सेवाओं की सप्लाई पर पड़ सकता है. कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार ने सड़क हादसों पर नियंत्रण करने के लिए हिट ऐंड रन कानून में बदलाव किया है. इंडियन पीनल कोड, 2023 में हुए संशोधन के बाद हिट ऐंड रन के मामलों में दोषी ड्राइवरों की सजा को और कड़ा किया गया है. ट्रक ड्राइवरों को दोषी साबित होने के बाद उनसे 7 लाख रुपये तक का जुर्माना और 10 साल तक के कैद का प्रावधान किया गया है. इस संशोधन का ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने भी विरोध किया है.
हिट ऐंड रन केस में दस साल की सजा के प्रावधान के बाद ट्रक ड्राइवरों ने अब ट्रक चलाना छोड़ना शुरु कर दिया है. AIMTC ने इसका विरोध करते हुए कहा कि कानून में संशोधन से पहले स्टेक होल्डर्स से सुझाव नहीं लिए गए, प्रस्तावित कानून में कई खामियां हैं. सिंह ने बताया कि देशभर में पहले से ही 27 प्रतिशत ड्राइवरों की कमी है, इस ओर सरकार का ध्यान नहीं है. देश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान रोड ट्रांसपोटर्स और ड्राइवरों का है. AIMTC का कहना है कि देश में एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन प्रोटो
नए ट्रैफिक कानून के खिलाफ दरभंगा के बस चालको ने नए वर्ष के प्रथम दिन बिरौल अनुमंडल के दरभंगा-सहरसा मुख्य पथ को कोठी चौक के पास अहले सुबह सड़क पर अगजनी कर नए यातायात कानून को वापस लेने की मांग कर सड़क को जाम कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन रहे हैं। वही आंदोलन कर रहे चालक मो बदरुल जमा ने कहा कि नए कानून के तहत जो ट्रैफिक एक्ट आया है। उसके तहत 7 लाख रुपया का आर्थिक दंड तथा 10 साल का सजा का प्रावधान किया गया है। उसी के खिलाफ आज हम लोग सड़क जाम कर प्रदर्शन कर रहे हैं।
वहीं उन्होंने कहा कि अगर हम लोगों के पास 7 लाख रुपया होता तो हम लोग गाड़ी क्यों चलाते हैं। हमलोग तो रोज कमाते हैं और रोज खाते हैं। अगर गाड़ी से एक्सीडेंट होता है तो 7 लाख कहां से लाएंगे। इसी के कारण हम लोग 1 जनवरी से 3 जनवरी तक बंदी का ऐलान किया है। अगर सरकार हम लोगों की मांगों पर विचार नहीं करती है तो यह बंदी बढ़ेगी। वहीं उन्होंने कहा कि पहले के कानून में एक्सीडेंट होने पर ड्राइवर भी जेल जाता था और गाड़ी भी थाने पर जाती थी। उस कानून में पहले ड्राइवर का बेल होता था। फिर गाड़ी का बेल होता था।
नए कानून के अनुसार अब एक्सीडेंट होने पर गाड़ी मालिक पर कुछ नहीं होगा और सारी जिम्मेदारी गाड़ी चालक पर आएगी। जिसके एवज में चालक को भाड़ी जुर्माना तथा सजा होगी। वहीं उन्होंने कहा कि आज की तारीख में जो चालक है, उनकी सैलरी 10 से 25 हजार रुपया महीना होता है। ऐसे में महीना के अंत में बहुत से बहुत 5 हजार की बचत होती होगी। ऐसे में वह ड्राइवर चालक 7 लाख रुपया कहां से लाएगा। हम लोगों की सरकार से यही मांग है कि नए कानून को वापस ले। पहले के नियम को लागू हो। जिससे हमलोगों की जिंदगी सामान्य रूप से पटरी पर चल सके। नही तो आने वाले दिनों में आंदोलन को और भी उग्र किया जाएगा।