पटना : भाजपा किसान मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति के वर्चुअल सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि डेडिकेटेड कृषि फिडर के माध्यम से अब तक राज्य के 1 लाख 42 हजार किसानों को कृषि कनेक्शन दिया जा चुका है. प्रति यूनिट 6.15 रुपये लागत की बिजली का किसानों से मात्र 65 पैसा लिया जा रहा है और 5.50 रुपये सरकार की ओर से वहन किया जा रहा है. अगले कार्यकाल में राज्य सरकार सौर ऊर्जा आधारित कृषि पम्प को प्रोत्साहित करेगी. किसान सौर ऊर्जा पैनल से उत्पादित अतिरिक्त बिजली विद्युत कम्पनियों को बेच कर अन्नदाता के साथ-साथ ऊर्जादाता भी बनेंगे.
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि खेती की लागत कम करने के लिए ही डीजल से सिंचाई की जगह बिजली को प्राथमिकता दी गयी है. एक कट्ठा जमीन की सिंचाई में डीजल से जहां 20 रुपये की लागत आती थी वहीं बिजली से मात्र 82 पैसे के खर्च पर सिंचाई हो जाती है.
सुशील मोदी ने कहा कि राज्य सरकार ने बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति-2020 को स्वीकृति दी है ताकि कृषि व्यवसाय से जुड़े सात क्षेत्रों मखाना, फल-सब्जियां, शहद, औषधि व सुगन्धित पौधे, मक्का, चाय व बीज आदि के प्रसंस्करण के लिए 25 लाख से 5 करोड़ तक के निवेश पर 15 से 25 प्रतिशत तक पूंजीगत अनुदान व 30 प्रतिशत ब्याज अनुदान के साथ ही औद्योगिक प्रोत्साहन नीति-2016 के तहत अन्य लाभ दिया जा सके.
बिहार के डिप्टी सीएम ने कहा कि इसके साथ ही राज्य सरकार ने 2019-20 में 33 लाख 71 हजार किसानों को फसल क्षति अनुदान के तौर पर 1,220 करोड़ रुपये का वितरण किया है जिससे औसतन प्रति किसान को 4,400 रुपये प्राप्त हुआ है.
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