Gullak Baccha Bank in Patna Piggy Bank Patna News Update पटना : छोटी उम्र में बचत करने की तैयारी. ये हाल है किलकारी के बच्चों का, जो छोटी उम्र से ही बचत कर रहे हैं. राजधानी पटना के सैदपुर स्थित किलकारी बाल भवन में संचालित बच्चा बैंक (गुल्लक) कुछ इसी तरह की सोच के साथ काम कर रहा है. बच्चा बैंक न सिर्फ बच्चों में पैसा बचत करने की सोच विकसित कर रहा है, बल्कि उन्हें छोटी उम्र में बैंकिंग से भी जोड़ रहा है.
बच्चा बैंक (गुलल्क) की स्थापना 14 नवंबर 2009 को बाल दिवस के अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी. साल 2009 से अब तक इस बैंक में 3855 सदस्य हैं. बच्चा बैंक के लिए प्रबंधन समिति का गठन किया गया है. प्रबंधन समिति में किलकारी के बच्चे ही काम करते हैं. इसके साथ ही बैंक में हो रहे कार्यों की मॉनीटरिंग का जिम्मा एकाउंट ऑफिसर विनय मिश्रा को दिया गया है. उन्हें के दिशा निर्देश पर बच्चे काम करते हैं.
साल 2017-18 में सर्वाधिक लेन-देन और 3000 से अधिक खाताधारी के लिए बच्चा बैंक का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है. जब किसी बच्चे की आयु 16 वर्ष से अधिक हो जाती है तो उनका खाता इंडियन ओवरसीज बैंक में ट्रांसफर कर दिया जाता है. इसके अलावा हर साल बैंक के सर्वश्रेष्ठ सदस्य को सम्मानित किया जाता है.
बच्चा बैंक स्पेशली बच्चों के लिए बनाया गया है ताकि वे न्यूनतम से न्यूनतम राशि बैंक में जमा कर बचत कर सके. यहां बच्चों को बैंकिंग प्रक्रिया से जोड़ने के साथ-साथ बैंकों में काम करने के पहलुओं के बारे में भी जानकारी दी जाती है. इसमें काम करने वाले सभी बच्चे ही होते हैं, जो पैसों की लेन देन करते हैं. बच्चा बैंक में अब तक कुल 74 लाख 89 हजार रुपये का लेनदेन हो चुका है. वहीं खातों की कुल संख्या 3855 हैं. साल 2019-20 में कुल जमा राशि 1,29, 000 रुपये हैं, वहीं बैंक में कुल 6,70, 000 रुपये हैं. बच्चे अपने जरूरत है हिसाब से बैंक से ट्रांजेक्शन कर सकते हैं.बैंक में एक रुपया भी जमा कर सकते हैं.
बच्चा बैंक में किलकारी से जुड़ा बच्चा अपनी इच्छानुसार एक रुपये से दस रुपये तक जमा कर सकता है. दिलचस्प बात यह है कि किलकारी के बच्चे ही बैंक प्रबंधक और उप प्रबंधक होते हैं जिनकी उम्र 14-16 वर्ष होती है. अभी बच्चा बैंक के प्रबंधक विष्णु कुमार हैं और उप प्रबंधक पूनम कुमारी. ये बच्चे एक साल तक अपना पद्भार संभालते हैं. यह बैंक सुबह दस बजे से लेकर शाम पांच बजे तक खुला रहता है. बच्चे अपने खाते की मदद से पैसों की लेन-देन करते हैं.
बैंक में दस रुपये से खाता खुलवाया जा सकता है. इसमें बच्चों की फोटो के साथ उनका पूरा पता लिखा होता है. इसमें वहीं बच्चे सदस्य बनते हैं जो किलकारी से जुड़े हुए हैं. अगर बच्चे 1000 रुपये से अधिक राशि निकालना चाहते हैं तो उन्हें बैंक प्रबंधक के नाम पर आवेदन देना होता है. वहीं दो हजार रुपये से ज्यादा निकासी पर तीन दिन पहले सूचना देनी होती है. जबकि, इससे ज्यादा निकासी पर आवेदन के साथ अभिभावक की उपस्थिति अनिवार्य है. लेकिन, लॉकडाउन के दौरान बच्चों को बैंक ट्रांसफर के जरिये सुविधा दी रही है.
बच्चों की जमा राशि पर बैंक वित्तीय वर्ष के अंत में 4 प्रतिशत का ब्याज भी देता है. इतना ही नहीं, साल के अंत में बच्चों के खाते में 500 रुपये या अधिक की जमा राशि पर किलकारी की ओर से प्रोत्साहन के लिए इंट्रेस्ट के रूप में रुपये दिये जाते हैं. इन कार्यों के लिए निकाल सकते हैं राशिबैंक में जमा पैसों का उपयोग बच्चे पढ़ाई, घरेलू कार्य में सहयोग, बीमारी या फिर व्यक्तिगत कार्ये के निकाल सकते हैं. बैंक से अब तक सबसे अधिक बच्चे पढ़ाई के लिए पैसे निकालते हैं. इसके बाद व्यक्तिगत कार्य और घरेलू कार्य के लिए पैसे निकालते हैं.
बच्चों का यह बच्चा बैंक पूरी तरह से उन्हें बचत करने की सीख दे रहा है. जिन बच्चों को अभी पैसों की जरूरत है वे बैंक से पैसे निकाल रहे हैं साथ ही उन्हें बैंक ट्रांसफर की भी सुविधा दी जा रही है. बच्चे बैंक में एक रुपये से लेकर दस रुपये तक यहां जमा कर सकते हैं. आम तौर पर बच्चे चार से पांच हजार रुपये तक की बचत कर लेते हैं. (ज्योति परिहार, निदेशक, किलकारी)
वहीं, बच्चा बैंक के एकाउंट्स ऑफिसर विनय मिश्रा ने बताया कि बैंक की मॉनीटरिंग का कार्य मेरे जिम्मे है. मैं बच्चों की लेन-देन को देखता हूं. जब वह अपना कार्य पूरी तरह से कर लेते हैं तो मैं हर दिन अकाउंट को चेक करता हूं ताकि बच्चों से कोई गलती ना हो. (इनपुट : पटना से जूही स्मिता)
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