ग्रामीणों का निर्माण कार्यों का विरोध डाल सकता है बिहार में बिजली उत्पादन पर असर : एनटीपीसी

एनटीपीसी ने बिहार के माेकामा व नवीनगर में किसानों द्वारा बिजली प्रोजेक्ट से जुड़े निर्माण कार्यों का विरोध और अधिकारियों से मारपीट किये जाने की घटना को लेकर प्रतिक्रिया देते रविवार को कहा है कि ऐसे माहौल में राज्य में नये उद्यमियों को निवेश के लिए आकर्षित करने में दिक्कतों का सामना करना पर सकता है. एनटीपीसी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि बिहार में मोकामा के पास एश डाइक नहीं बनाने की स्थिति में इसका असर बिजली उत्पादन पर पड़ सकता है. बिजली उत्पादन ठप तक हो सकता है.

By Samir Kumar | May 31, 2020 9:50 PM
an image

पटना : एनटीपीसी ने बिहार के माेकामा व नवीनगर में किसानों द्वारा बिजली प्रोजेक्ट से जुड़े निर्माण कार्यों का विरोध और अधिकारियों से मारपीट किये जाने की घटना को लेकर प्रतिक्रिया देते रविवार को कहा है कि ऐसे माहौल में राज्य में नये उद्यमियों को निवेश के लिए आकर्षित करने में दिक्कतों का सामना करना पर सकता है. एनटीपीसी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि बिहार में मोकामा के पास एश डाइक नहीं बनाने की स्थिति में इसका असर बिजली उत्पादन पर पड़ सकता है. बिजली उत्पादन ठप तक हो सकता है.

वहीं, नवीनगर में बिजली उत्पादन के लिए लगभग तैयार 660 मेगावाट के दूसरे यूनिट को कोयला आपूर्ति के लिए एक अन्य रेलवे ट्रैक की आवश्यकता है. दोनों जगहों पर स्थानीय लोग निर्माण कार्य का विरोध कर रहे हैं. दोनों स्थानों पर 30 मई को एनटीपीसी के अधिकारियों के साथ मारपीट भी की गयी है. इसी के मद्देनजर एश डाइक बनाने के मामले में सोमवार को पटना के डीएम के साथ एनटीपीसी के अधिकारियों और स्थानीय लोगों की बैठक है.

एश डाइक के मामले में बरौनी एनटीपीसी के मुख्य महाप्रबंधक सह परियोजना प्रमुख मुनीश जौहरी ने कहा है कि डीपीएस बरौनी को 15 दिसंबर 2018 को एनटीपीसी को स्थानांतरित किया गया. वहां 720 मेगावाट क्षमता की बिजली का उत्पादन होता है. इसमें 110 मेगावाट की दो यूनिट और 250 मेगावाट की दो यूनिट शामिल हैं.

उधर, नबीनगर पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के एजीएम एके पासवान ने स्थानीय पुलिस को लिखित शिकायत दी है कि कंपनी के लिए रेल कोरिडोर बनाने के दौरान सिमरा दुसाध गांव के ग्रामीणों ने मारपीट की. सूत्रों का कहना है कि नबीनगर में फिलहाल 660 मेगावाट के एक यूनिट से बिजली उत्पादन हो रहा है. वहीं 660 मेगावाट का दूसरा यूनिट बिजली उत्पादन के लिए लगभग बनकर तैयार है. दोनों यूनिट में कोयला पहुंचाने के लिए रेलवे का केवल एक ट्रैक है, जबकि दो ट्रैक होना चाहिए. इसमें से एक ट्रैक से कोयला वाली ट्रेन ले जाने और दूसरे ट्रैक से खाली ट्रेन निकलने की व्यवस्था की जाती है.

जानकारी के मुताबिक, शनिवार को बिहार के पटना जिले में मोकामा-बेगूसराय सीमा पर बरौनी थर्मल पावर के नये एश डाइक के निर्माण के लिए बाउंड्री वाल का काम स्थानीय प्रशासन के निर्देश के बाद किया जा रहा था. इसी दौरान वहां असामाजिक तत्वों ने स्थानीय लोगों की आड़ में जमकर हंगामा किया और तोड़फोड़ की. इस दौरान वहां सरकारी अधिकारियों के साथ मारपीट भी की गयी.

दरअसल, बरौनी थर्मल के एश डाइक के लिए थर्मल से 5 किलोमीटर दूर कसहा बरियाही में सैकड़ों किसानों की 290 एकड़ जमीन सरकार ने काफी समय पहले अधिगृहीत कर ली थी. जब वहां कोई निर्माण नहीं हो रहा था, तब वहां स्थानीय लोगों ने खेती करनी शुरू कर दी थी. बिहार सरकार ने जब एनटीपीसी को यह प्लांट हस्तांतरित किया था, तब उन्होंने लिखित में यह बताया था कि एश डाइक के लिए अधिगृहीत जमीन पर कोई विवाद नहीं है और यह पूर्णतया सरकारी है.

इस संबंध में एनटीपीसी के जीएम मुनीश जौहरी ने बताया कि विद्युत उत्पादन के लिए राख निष्पादन के लिए एस पाउंड बनाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि 290 एकड़ सरकारी जमीन का अधिग्रहण किया गया था, इस पर 27 मई से काम शुरू किया गया था. शनिवार को काम के दौरान अचानक करीब 500 की संख्या में असामाजिक तत्व निर्माण स्थल पर पहुंचे और काम बंद करवाकर पत्थरबाजी करने लगे. इस दौरान कई मशीनें क्षतिग्रस्त हो गयी और कई पुलिसकर्मी और निर्माण कार्य में लगे लोग घायल हो गये. उनका कहना है, किसानों का विरोध गलत है, जिस जमीन पर एस पाउंड बनाना है वह सरकारी जमीन है.

घटना को लेकर उठ रहे सवाल

घटना एक साथ कई सवाल खड़े करती है. एक संस्थान जिसे सरकार ने पावर प्लांट हस्तांतरित किया था और लिखित में बताया था कि इसके लिए अधिगृहीत जमीन विवाद रहित है तब उस पर इस तरह का विवाद होना सवाल खड़े करती है. सरकार के निर्देश के बाद भी संस्थान को अपने ही प्रोजेक्ट को सुचारू रूप से चलाने के लिए लोगों का विरोध झेलना पड़ रहा है. साथ ही उसकी सहायता को पहुंचे प्रशासन को भी विरोध झेलना पड़ रहा है. यह सब तब हो रहा है जब केंद्र आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक रहा है और राज्य सरकार भी उद्योग जगत से लगातार अपील करती रही हैं कि वे बिहार आएं और यहां निवेश करें. हम यहां उन्हें सारी सुविधा मुहैया करवाएंगे.

रेलवे कार्य को बाधित करने के जुर्म मे 11 पर प्राथमिकी दर्ज

औरंगाबाद नवीनगर प्रखंड के बड़ेम ओपी थाना क्षेत्र के सिमरा दुसाध गांव मे रेलवे के कार्य का निरिक्षण करने गये अरविन्द पासवान अपर महाप्रबंधक एनपीजीसी के ऊपर ग्रामीणों द्वारा हमला किया गया. जिसमे अरविन्द पासवान के द्वारा बड़ेम ओपी थाना मे 11 व्यक्ति के पर प्राथमिकी दर्ज करवाया. जिसमें से चार आरोपी विकास सिंह पिता सत्यनारायण सिंह, अंकित सिंह पिता डब्लू कुमार सिंह, प्रेम सिंह पिता अशोक सिंह, करीमन सिंह पिता स्व. रूपधारी सिंह को कांड संख्या 107/20 प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेज दिया गया. मामले में थाना प्रभारी संजय कुमार के द्वारा बताया गया की उक्त व्यक्ति को घर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.

Exit mobile version