पटना : सिपारा स्थित इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आइओसी) टर्मिनल इलाके में सघन आबादी हो गयी है. जिस रफ्तार से टर्मिनल के आसपास मकान बन रहे हैं, उससे किसी अप्रिय घटना होने की आशंका बढ़ गयी है. इलाके के लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर आइओसी ने सिपारा स्थित पटना टर्मिनल को शिफ्ट करने के लिए पटना के बाहर उपयुक्त भूमि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. लेकिन, 15 साल बाद भी जमीन का प्रबंध नहीं हो पाया है. पटना-पुनपुन-जहानाबाद एनएच 48 पर हमेशा जाम की समस्या रहती है. किसी भी आपात स्थिति के लिए यह इलाका बहुत ज्यादा संवेदनशील है.
नहीं दी गयी जमीन : मौजूदा पटना टर्मिनल के लिए उपयुक्त भूमि उपलब्ध कराने के संबंध में इंडियन ऑयल 15 साल से अधिक समय से बियाडा के अधिकारियों के संपर्क में है. हालांकि, वर्ष 2011 में बियाडा ने नौबतपुर (कोपा कलां) में 96.7 एकड़ जमीन की पेशकश की थी. लेकिन, आइओसी को जमीन आवंटित नहीं की गयी. मालूम हो कि 1966 में यह टर्मिनल चालू हुआ था. उस समय यह स्थान मुख्य शहर से काफी दूर था, लेकिन समय बीतने के साथ बड़ी आबादी टर्मिनल के आसपास बस गयी है.
इंडियन ऑयल के सूत्रों की मानें, तो मौजूदा मांग को पूरा करने के लिए भंडारण के साथ-साथ टर्मिनल की लोडिंग क्षमता भी बढ़ानी होगी. इसके लिए मौजूदा टर्मिनल के आस-पास कोई स्थान उपलब्ध नहीं है. अधिकारियों की मानें तो मौजूदा ऑयल टर्मिनल को शिफ्ट करने के लिए पटना से बाहर लगभग 100 एकड़ भूमि की जरूरत है, जो पटना से 30-40 किमी दूर और हल्दिया-बरौनी-कानपुर पाइपलाइन के निकट हो.
आवेदन करे आइओसी
मुझे इस बात कि जानकारी नहीं है कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन को 2011 में बियाडा ने नौबतपुर (कोपा कलां) में 96.7 एकड़ जमीन की पेशकश की थी. जमीन चाहिए, तो आइओसी आवेदन करे. लेकिन, रैयती जमीन नहीं दे पायेंगे. बियाडा की साइट पर जमीन की पूरी जानकारी उपलब्ध है. जमीन कोई भी ले सकता है.
रामेश्वर सिंह, कार्यकारी निदेशक, बियाडा