बिहार में पंचायत चुनाव से पहले जिला स्तर पर तैयारी शुरू हो गई है. बताया जा रहा है कि सबसे पहले निर्वाचन विभाग की ओर से बूथों का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा. इधर, बताया जा रहा है कि पिछले बार चुनाव लड़ चुके कैंडिडेट अगर अभी तक अपना डिटेल जमा नहीं कराए हैं, तो उन्हें इस बार पंचायत इलेक्शन लड़ने की अनुमति नहीं होगी.
बताया जा रहा है कि 2016 का पंचायत चुनाव लड़ चुके कैंडिडेट अगर अपने चुनावी खर्च का ब्योरा जिला निर्वाचन कार्यालय को नहीं जमा कराए हैं. ऐसे में उनके लिए 2021 में पंचायत चुनाव लड़ना मुश्किल हो सकता है. बताया जा रहा है कि जिला विभाग पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट के बाद इस पर आदेश जारी कर सकती है.
उल्लेखनीय है कि 2016 के पंचायत चुनाव में सीवान जिले में पंच से लेकर जिला परिषद के जो भी उम्मीदवार थे अगर उन्होंने अपने चुनाव व्यय विवरणी रिपोर्ट अब तक जमा नहीं कराए हैं तो उन्हें अगले चुनाव में उम्मीदवार बनने से अपात्र घोषित कर दिया जाएगा. इसे लेकर विभाग अगर नया आदेश जारी नहीं करता है तो जिन पिछले उम्मीदवारों ने व्यय विवरणी जमा नहीं किए हैं उनके लिए रास्ता बंद हो सकता है. हालांकि माना जा रहा है कि एक मौका आयोग की ओर से और दिया जा सकता है.
ज्ञात हो कि 2016 के चुनाव के बाद सभी उम्मीदवारों को अपने चुनाव खर्च विवरणी भरकर जमा करने की अंतिम तिथि 15 जुलाई 2016 निर्धारित की गई थी. उसके बाद भी कई बार तारीखें बढ़ाकर उन्हें मार्च 2021 तक विवरणी जमा करने को कहा गया था. फिर भी आधे से ज्यादा उम्मीदवारों ने इस सूचना पर अमल नहीं किया, जिसमें कुछ विजयी उम्मीदवार भी शामिल थे. उन लोगों ने व्यय विवरणी जमा नहीं कराई थी. जिनकी व्यय विवरणी जमा नहीं हो सकेगी पंचायत चुनाव में इन्हें अपात्र घोषित कर दिया जाएगा. विभाग की ओर से इसके लिए अनिवार्य आदेश भी जारी किया था.
Posted By : Avinish Kumar Mishra