बिहार में पंचायत चुनाव 2021 के तारीखों का ऐलान हो चुका है. पहले फेज के मतदान में अब एक महीने से भी कम समय बचा है. उम्मीदवारों ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. इस दौरान पड़ोसी देशों की सीमा से सटे इलाकों में चुनावी सभी करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
बिहार पंचायत चुनाव २०२१ के दौरान सीमाई इलाकों की चौकसी बढ़ाई जा रही है. भारत-नेपाल सीमा और बांग्लादेश बॉर्डर के आसपास के इलाकों में बीएसएफ के जवान अलर्ट पर हैं. पंचायत चुनाव के दौरान भीड़भाड़ का फायदा उठाकर संदिग्ध के प्रवेश करने की आशंका है. पंचायत चुनाव में प्रत्याशी एवं उनके समर्थक सीमा से सटे इलाकों में चुनावी सभा नहीं कर सकेंगे. इसपर कड़ाई से रोक लगा दी गई है. सुरक्षा के मद्देनजर ऐसा फैसला लिया गया है.
एटीएस के एडीजी रविंद्रन शंकरन ने पूर्णिया प्रक्षेत्र के आईजी और पूर्णिया, कटिहार, अररिया व किशनगंज जिला के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है कि सीमा से लगे इलाकों में चुनावी सभा नहीं करने दिया जाए. इसके अलावा एडीजी (ATS) ने आईजी को सीमाई इलाकों के क्षेत्रों में जल्द ही जाकर बॉर्डर मीटिंग करने को लेकर भी दिशा-निर्देश दिया है.
वहीं औचक तौर पर भागलपुर पहुंचे एडीजी (एटीएस) रविंद्रण शंकरण ने शुक्रवार को डीआइजी कार्यालय में रेंज डीआइजी सहित भागलपुर रेंज के तीनों जिला के एसएसपी/एसपी के साथ बैठक की. चार घंटे तक चली गोपनीय बैठक में कई मामलों पर विचार-विमर्श हुआ. मामला बेहद गोपनीय होने की वजह से किसी भी पुलिस अधिकारी ने मामले में कुछ भी बताने से इंकार कर दिया.
बता दें कि बिहार पंचायत चुनाव को लेकर विशेष सख्ती बरती जा रही है. वहीं चुनावी रंजिश की घटनाएं भी लगातार सामने आ रही है. सीमाई इलाकों पर विशेष निगरानी रखी जाने लगी है. बिहार पुलिस एसएसबी के जवानों के साथ मिलकर चुनाव के दौरान किसी भी तरह की अनहोनी को कुचलेंगे. अररिया और किशनगंज के पुलिस अधीक्षक को विशेष तौर पर सुरक्षा के इंतजाम करने को कहा गया है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan