पंचायत चुनाव की तैयारियों में जुटे राज्य निर्वाचन आयोग में फर्जी शिकायतें भी मिल रही हैं. इस प्रकार की शिकायतें निबंधित डाक से भेजी जा रही हैं, जिसमें फर्जी नाम और पता दिया गया है. आयोग द्वारा इन शिकायतों की जांच करायी जा रही है. जांच में जिलों से लेकर प्रखंड स्तर तक के पदाधिकारी व कर्मी छानबीन में अपना समय लगाकर रिपोर्ट तैयार कर आयोग को उपलब्ध करा रहे हैं. आयोग द्वारा जब शिकायतकर्ता को तैयार जवाब भेजा जा रहा है, तो फर्जी नाम व पता होने से रजिस्टर्ड पोस्ट वापस लौट रहा है.
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव योगेंद्र राम ने बताया कि आयोग किसी भी मतदाता को शिकायत करने पर रोक नहीं लगा सकता. कोई भी मतदाता अपनी शिकायत कर सकता है, जिसकी आयोग द्वारा जांच करायी जाती है. इसके बाद संबंधित मतदाता को उसका जवाब उपलब्ध करा दिया जाता है.
उन्होंने बताया कि आयोग के पास दो प्रकार की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं. पहले वैसे मतदाता हैं, जो सीधे आयोग में आकर आवेदन पत्र जमा कराते हैं. दूसरे वैसे मतदाता हैं, जो रजिस्टर्ड डाक से अपनी शिकायतें भेज रहे हैं. इस प्रकार की शिकायतें स्थानीय स्तर पर प्रत्याशियों से भड़ास निकालने के लिए की जा रही हैं, जिसका कोई प्रयोजन नहीं है. व्यक्तिगत रूप से शिकायत करनेवाले में किसी प्रकार की शिकायत नहीं मिल रही है.
उन्होंने बताया कि जो शिकायत रिजस्टर्ड डाक से आ रही है, उसमें कुछ चुनिंदा आवेदन पत्र फर्जी पाये जा रहे हैं.आयोग द्वारा ऐसे दर्जनों पत्रों का जवाब भेजा गया है जो वापस लौटकर आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि मतदाता अपनी वास्तविक शिकायत ही दर्ज करावें. फर्जी शिकायतें मिलने से कर्मियों का समय नाहक बर्बाद हो रहा है.
Posted By :Thakur Shaktilochan