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बिहार पंचायत चुनाव: योजनाओं में भागीदारी मिली तो बढ़ गये प्रत्याशी, हर पद पर तीन से अधिक दावेदार

बिहार पंचायत चुनाव अलग-अलग चरणों में जारी है. इस बार पंचायत चुनाव में पंच व वार्ड सदस्य के पदों के लिए दावेदारों की संख्या बढ़ गयी है. योजनाओं में भागीदारी मिलने के बाद प्रत्याशी की भी संख्या बढ़ी है. हर पद पर तीन से अधिक दावेदार पाए जा रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | October 14, 2021 8:06 AM

सरकार द्वारा गांवों की विकास की योजनाओं में सभी जनप्रतिनिधियों को शामिल किया, तो दावेदारों की संख्या भी बढ़ गयी. पंचायत आम चुनाव 2021(Bihar Panchayat Election) में अब तक तीन चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तीन चरणों में कुल 48 हजार 905 पदों के लिए मतदान कराया जा चुका है. इन तीन चरणों में कुल एक लाख 68 हजार 161 प्रत्याशियों ने दावेदारी की थी.

पदवार देखा जाये, तो हर पद के लिए औसतन 3.43 प्रत्याशी ने चुनावी मैदान में कमर कसे. पंचायत चुनाव में प्रतिनिधियों के रुझान का प्रमुख कारण है कि विकास योजनाओं में उनकी भागीदारी सुनिश्चित कर दी गयी है. ग्राम पंचायत की सभी योजनाएं अब वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के माध्यम से की जाती हैं. इस समिति का अध्यक्ष उस वार्ड से निर्वाचित ग्राम पंचायत सदस्य को बनाया गया है, जबकि उपाध्यक्ष निर्वाचित होनेवाले उस वार्ड के ग्राम कचहरी के पंच को बनाया गया है.

पिछले चुनावों में पंच और वार्ड सदस्य के पदों के लिए दावेदार नहीं मिलते थे. अब उन पदों पर दावेदारों की संख्या बढ़ गयी है. पहले चरण में मुखिया, सरपंच, पंच , वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और जिला पर्षद सदस्य के 4646 पदों के लिए निर्वाचन कराया गया. राज्य में पहले चरण में मुखिया, सरपंच, पंच , वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और जिला पर्षद सदस्य के 4646 पदों के लिए निर्वाचन कराया गया. इन पदों के लिए कुल 15078 प्रत्याशियों ने दावेदारी की.

इसी प्रकार से दूसरे चरण के पंचायत चुनाव में 21131 पदों के लिए चुनाव कराया गया, जिसमें 71467 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया. तीसरे चरण के चुनाव में 23128 पदों के लिए चुनाव कराया गया, जबकि इस चरण में कुल 81616 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया. अभी तक तीन चरणों के नामांकन दाखिल करने वाले प्रत्याशियों की संख्या औसतन तीन से अधिक रही है.

लोकतंत्र के इस पर्व में उन प्रत्याशियों ने भी भागीदारी की जिनको जीत- हार की परवाह नहीं रही. उन्होंने अपने पॉकेट से नामांकन शुल्क की राशि जमा की. इसमें पंच व सदस्य पद के लिए 500 रुपये, मुखिया-सरपंच-पंचायत समिति सदस्य पद के लिए 1000 रुपये और जिला पर्षद सदस्य पद के लिए 2000 रुपये नामांकन शुल्क पर खर्च की चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी की.

Published By: Thakur Shaktilochan

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