बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद चुनावी मैदान में अब विभिन्न पदों पर लड़ने वाले नये व पुराने उम्मीदवारों को कई बातों को ध्यान में रखना होगा. अन्यथा उनकी सारी मेहनत बेकार हो सकती है. आइए जानते हैं नामांकन के दौरान किन-किन कागजातों की जरूरत होगी.
इस दौरान राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत पंचायत चुनाव में नामांकन पत्र दाखिल करने के समय उम्मीदवारों को कई आवश्यक कागजात भी प्रस्तुत करने होंगे. क्योंकि चुनावी मैदान में उतरने के लिए उम्मीदवार को नामांकन पत्र के साथ कई जरुरी कागजात जमा करने का निर्देश दिया है.
जिसमें नाम निर्देशन प्रपत्र पत्र, शपथ पत्र अनुसूची एक (बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 की धारा 136 के संबंध में), अनुसूची दो (मतदाता सूची में अभ्यर्थी व प्रस्तावक के नाम दर्ज होने से संबंधित घोषणा पत्र), अनुसूची तीन (शपथ पत्र व इलेक्शन में दी जाने वाली सूचनाओं का प्रपत्र), अनुसूची तीन (क) के तहत (अपराध, संपत्ति व शैक्षणिक योग्यता के संबंध में), अनुसूची तीन (ख) के तहत (अभ्यर्थी का नाम व बायोडाटा) देना अनिवार्य है.
इसके अलावा नाम निर्देशन शुल्क, चालान या नाजिर रसीद की मूल कॉपी व आरक्षित पद का दावा करने से संबंधित जाति प्रमाण पत्र की मूल कॉपी भी नामांकन पत्र के साथ संलग्न करना है. यदि यही कागजात नामांकन प्रपत्र में नहीं रहें. तो उम्मीदवारों का नामांकन रद्द भी हो सकता है.
जिसको लेकर उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने के समय संबंधित निर्वाची पदाधिकारी से नामांकन पत्र की जांच करा सकते हैं. निर्वाची पदाधिकारी द्वारा जांच में यह देखा जाएगा कि नाम निर्देशन पत्र निर्धारित प्रपत्र में ही हो और सभी कागजात नामांकन पत्र के साथ संलग्न हो.
इसके अलावा प्रत्याशी व प्रस्तावक के नाम पर मांग संबंधित लिपिकीय या टंकण त्रुटि को नजर अंदाज किया जाएगा. क्योंकि आयोग ने यह निर्देशित किया है कि निर्वाची पदाधिकारी पूर्णतः संतुष्ट हो लेंगे कि उनके क्षेत्राधिकार के तहत कौन/कौन निर्वाचन क्षेत्र किस श्रेणी के लिए आरक्षित है. साथ ही आरक्षण की स्थिति के अनुरूप ही प्रत्याशियों से नामांकन पत्र प्राप्त किये जाएंगे.
अधिकतम एक लाख रुपए खर्च कर सकेंगे जिला परिषद के प्रत्याशी– पंचायत चुनाव में पैसा का नाजायज इस्तेमाल नहीं हो. इसे रोकने के लिए आयोग ने सख्त कदम उठाया है. चुनाव में सभी पदों के लिए निर्वाचन आयोग ने खर्च सीमा का ब्योरा जारी कर दिया है.इन सीमा के अंदर प्रत्याशी चुनाव प्रचार में खर्च कर सकते हैं.
जिला परिषद् के चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार अधिकतम (एक लाख) रुपये की राशि खर्च कर सकते हैं.जबकि मुखिया और सरपंच के उम्मीदवार 40 हजार रुपये एवं पंचायत समिति सदस्य के उम्मीदवार 30 हजार रुपये की राशि खर्च कर सकते हैं. साथ ही ग्राम पंचायत सदस्य और पंच के उम्मीदवार 20 हजार रुपये तक खर्च करेंगे