बिहार पंचायत चुनाव की तैयारी जोरों पर है. प्रत्याशियों से लेकर निर्वाचन आयोग तक अपनी तैयारियों को अंतिम रुप देने में जुटा हुआ है. हालांकि अभी तक ईवीएम को लेकर हो रहे विलंब के कारण चुनाव के तारीखों का निर्धारण नहीं हो सका है लेकिन आयोग लगातार प्रत्याशियों को दिशा-निर्देशों के जरिये नकेल कसी हुई है. मतदान के बाद काउंटिंग एजेंटों के लिए भी कड़ी चेतावनी जारी की गई है.
बिहार पंचायत चुनाव के मतगणना एजेंटों को इस बार ईवीएम छूने की इजाजत नहीं होगी. वो मतगणना मेज पर चल रही पूरी प्रक्रिया देख सकेंगे और इसके लिए उन्हें सभी सुविधाएं दी जायेंगी. मतगणना केंद्रों की गोपनीय सूचना लीक करना अब महंगा पड़ेगा. ऐसा करने वालों को अब तीन महीने की जेल की सजा के साथ जुर्माना भी भरना पड़ सकता है.
वहीं मतदान केंद्रों में उम्मीदवारों के नाम और सिम्बल को लेकर ईवीएम पर चिपकाये गये मतपत्र को नुकसान पहुंचाने पर अब एक साल की सजा काटनी पड़ सकती है. वहीं जो व्यक्ति इस शीट(मतपत्र) को अनधिकृत रुप से लेता है या ऐसा प्रयास करता है तो उसे अब जेल की सजा होगी. इस काम में उसकी मदद करने वाले भी नपे जायेंगे.
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आयोग ने मतदान केंद्र के पीठासीन पदाधिकारी के पास गिरफ्तार करने का ताकत दिया है. अगर पीठासीन पदाधिकारी के पास ऐसी कोई वजह हो जिसमें उन्हें लगे कि कोइ व्यक्ति दंडनीय अपराध कर रहा है तो वो उस व्यक्ति को मतदान केंद्र छोड़ने से पहले ही गिरफ्तार कर सकता है. पीठासीन पदाधिकारी को यह अधिकार रहेगा कि वो गिरफ्तार करने का निर्देश आरक्षी पदाधिकारी को दे. उनके पास तलाशी लेने या इसका निर्देश देने का अधिकार भी रहेगा. किसी महिला की तलाशी महिला कर्मी के द्वारा ही ली जा सकेगी.
Posted By: Thakur Shaktilochan