Bihar Panchayat Chunav 2021: M2 मॉडल के EVM से कराया जाएगा बिहार पंचायत चुनाव, निर्वाचन आयोग के लिए बनी चुनौती
राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत आम चुनाव इवीएम से कराने का निर्णय लिया है. साथ ही इसके लिए इवीएम के मॉडल एम-2 से ही पंचायत चुनाव कराने की तैयारी की जा रही है. इवीएम के इस मॉडल से पंचायत चुनाव कराना परेशानी का सबब बन सकता है. इस इवीएम के इस्तेमाल के हर स्तर पर चुनौतियां आनेवाली हैं. इससे चुनावी खर्च में भी अधिक वृद्धि होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा रहा है.
राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत आम चुनाव इवीएम से कराने का निर्णय लिया है. साथ ही इसके लिए इवीएम के मॉडल एम-2 से ही पंचायत चुनाव कराने की तैयारी की जा रही है. इवीएम के इस मॉडल से पंचायत चुनाव कराना परेशानी का सबब बन सकता है. इस इवीएम के इस्तेमाल के हर स्तर पर चुनौतियां आनेवाली हैं. इससे चुनावी खर्च में भी अधिक वृद्धि होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा रहा है.
जानकारों का कहना है कि राज्य निर्वाचन आयोग के पास अपनी इवीएम नहीं है. इवीएम के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने भारत निर्वाचन आयोग से करीब 8.5 लाख इवीएम की मांग की है. भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य निर्वाचन आयोग के यह सूचित कर दिया है कि उसके पास पांच लाख एम-2 मॉडल की इवीएम ही उपलब्ध है. साथ ही आयोग के पास उपलब्ध पांच लाख इवीएम में तीन लाख इवीएम को विभिन्न राज्यों को आवंटित किया जा चुका है. स्थिति यह है कि भारत निर्वाचन आयोग के पास सिर्फ दो लाख इवीएम ही है.
बिहार में पंचायत चुनाव को देखते हुए भारत निर्वाचन आयोग ने देश के सभी राज्य व केंद्र शासित प्रदेश के सीइओ को निर्देश दिया है कि वह बिहार को यथा संभव इवीएम उपलब्ध करावें. ऐसे में बिहार में आनेवाली इवीएम मॉडल-2 लक्ष्यद्वीप से लेकर तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान से लेकर देश के अन्य राज्यों से मंगानी है. इवीएम मंगाने की जिम्मेदारी उन जिलों को होगी जिनको जिस प्रदेश से इवीएम आवंटित किया जायेगा.
बिहार के 38 जिलों के लिए इवीएम लाने का काम देश के विभिन्न राज्यों से करना होगा. इसके लिए अधिकारियों के साथ पेट्रोलिंग टीम उस राज्य में जाकर इवीएम का संग्रह करेगी. इवीएम संग्रह करने में सात-10 दिन भी लग सकता है जिससे कि कर्मियों का टीए व डीए खर्च बिहार सरकार को वहन करना है.
दूसरी समस्या चुनाव के लाये जानेवाले इवीएम के भंडारण की होगी. भारत निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि विधानसभा चुनाव या लोकसभा चुनाव में उपयोग किये गये इवीएम के वेयर हाउस का उपयोग किसी भी अन्य कार्य के लिए नहीं किया जा सकता है. ऐसी स्थिति में आठ लाख इवीएम के भंडारण के लिए हर जिले को अलग व्यवस्था करनी होगी.
तीसरी समस्या एम-2 मॉडल से पंचायत चुनाव कराने के लिए बूथ पर इवीएम स्थापिति करने को लेकर होगी. एक बूथ पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के छह अलग-अलग पदों के प्रत्याशियों के लिए छह कंपार्टमेंट और 12 कंट्रोल और बैलेट यूनिट तैयार करने होंगे. अगर किसी एक ही भवन में दो बूथ होने की स्थिति में 24 कंट्रोल यूनिट और बैलेट यूनिट के लिए कंपार्टमेंट तैयार करना होगा.
Posted By: Thakur Shaktilochan