बिहार पंचायत चुनाव में हो रही देरी का विधान परिषद इलेक्शन पर भी पड़ेगा असर, 24 सीटों पर चुनाव के जुलाई में आसार नहीं

बिहार में पंचायत चुनाव की क्षीण पड़ती संभावना का असर अब विधान परिषद की रिक्त होने वाली सीटों पर साफ दिखने लगा है. बिहार विधान परिषद की स्थानीय प्राधिकार (लोकल बॉडी) कोटे की 24 सीटों पर निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल जुलाई में पूरा हो रहा है. विधान परिषद की इन सीटों के मतदाता ग्राम पंचायत के मुखिया, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति के सदस्य, जिला पर्षद के सदस्य भी होते हैं. इसके अलावा नगर पंचायत, नगर पर्षद और नगर निगम के निर्वाचित सदस्यों के अलावा छावनी बोर्ड के सदस्य स्थानीय क्षेत्र प्राधिकार के माध्यम से निर्वाचित होनेवाले सदस्यों का चुनाव करते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | April 11, 2021 9:48 AM

बिहार में पंचायत चुनाव की क्षीण पड़ती संभावना का असर अब विधान परिषद की रिक्त होने वाली सीटों पर साफ दिखने लगा है. बिहार विधान परिषद की स्थानीय प्राधिकार (लोकल बॉडी) कोटे की 24 सीटों पर निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल जुलाई में पूरा हो रहा है. विधान परिषद की इन सीटों के मतदाता ग्राम पंचायत के मुखिया, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति के सदस्य, जिला पर्षद के सदस्य भी होते हैं. इसके अलावा नगर पंचायत, नगर पर्षद और नगर निगम के निर्वाचित सदस्यों के अलावा छावनी बोर्ड के सदस्य स्थानीय क्षेत्र प्राधिकार के माध्यम से निर्वाचित होनेवाले सदस्यों का चुनाव करते हैं.

त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल जून में समाप्त हो जायेगा. इसके पहले अभी तक पंचायत चुनाव में विलंब के साफ संकेत मिल रहे हैं. पंचायती राज संस्थाओं के सदस्यों के नहीं रहने से विधान परिषद का चुनाव भी प्रभावित हो जायेगा. विधान परिषद की 24 सीटों पर निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल 16 जुलाई को समाप्त हो रहा है. इनका चुनाव 16 जुलाई के पहले करा लेना है. इन 24 सीटों में से चार सीटें पहले से ही खाली हैं.

जिन विधान पार्षदों का कार्यकाल खत्म हो रहा है, उनमें राधाचरण साह, मनोरमा देवी, रीना यादव, संतोष कुमार सिंह, सलमान रागीव, राजन कुमार सिंह, सच्चिदानंद राय, टूनजी पांडे, राजेश कुमार उर्फ बबलू गुप्ता, दिनेश प्रसाद सिंह, सुबोध कुमार, हरिनारायण चौधरी, राजेश राम, दिलीप कुमार जायसवाल, संजय प्रसाद, अशोक कुमार अग्रवाल, नूतन सिंह, सुमन कुमार, आदित्य नारायण पांडे और रजनीश कुमार शामिल हैं.

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जिन 24 निर्वाचन क्षेत्रों का चुनाव बाधित हो सकता है उनमें पटना स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, नालंदा स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, गया सह जहानाबाद सह अरवल स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र,औरंगाबाद स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, नवादा स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, भोजपुर सह बक्सर स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, रोहतास सह कैमूर स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, सारण स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, सीवान स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, गोपालगंज स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र,पश्चिम चंपारण स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं.

वहीं, पूर्वी चंपारण स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र व मुजफ्फरपुर स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र के साथ ही वैशाली स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, सीतामढ़ी सह शिवहर स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, दरभंगा स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र,समस्तीपुर स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र,मुंगेर सह जमुई सह लखीसराय सह शेखपुरा स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, बेगूसराय सह खगड़िया स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, सहरसा सह मधेपुरा सह सुपौल स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, भागलपुर सह बांका स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, मधुबनी स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, पूर्णिया सह अररिया सह किशनगंज स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र और कटिहार स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र की सीटें शामिल हैं.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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