बिहार पंचायत चुनाव: जदयू विधायक पप्पू पांडेय के भतीजे हारे, वामदल के विधायकों की पत्नी और भाई को भी जीत नहीं

बिहार पंचायत चुनाव के पांचवे चरण का परिणाम मंगलवार सामने आया है. इस चुनाव में पटना जिले में 29 में से सात निवर्तमान मुखिया ही जीते. जिप अध्यक्ष भी इस बार पराजित हुए हैं. वहीं जदयू विधायक का भतीजा, भाकपा विधायक के भाई व माले विधायक की पत्नी चुनाव में हारीं हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | October 27, 2021 6:58 AM
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पांचवें चरण के पंचायत चुनाव के मंगलवार को आये परिणाम में अधिकतर निवर्तमान मुखिया हार गये. कई विधायकों के निकट रिश्तेदार भी पराजित हुए. पटना जिले के धनरूआ, संपतचक और खुसरूपुर प्रखंड की अधिकतर पंचायतों के मतदाताओं ने भी पुराने मुखिया को नकार दिया. तीनों प्रखंडों की कुल 29 पंचायतों के 22 मुखिया अपनी सीट नहीं बचा पाये.

धनरूआ की 19 पंचायतों में से 14, खुसरूपुर की सात में से छह और संपतचक की तीन में से दो सीटों पर नये उम्मीदवार विजयी हुए हैं. इन प्रखंडों में 24 अक्तूबर को पंचायत चुनाव हुआ था. पटना जिला पर्षद की पूर्व अध्यक्ष अंजू देवी भी चुनाव हार गयी हैं. अंजू देवी को इंजीनियर कुमार स्तुति ने 128 मतों से हरा दिया.

कई जिलों में विधायकों की धाक भी उनके रिश्तेदारों को जीत दिलाने में कामयाब नहीं हो पायी. गोपालगंज में जदयू विधायक पप्पू पांडेय के भतीजे और जिला पर्षद के निवर्तमान अध्यक्ष मुकेश पांडेय पराजित हो गये. मुकेश अभी जेल में हैं. बेगूसराय जिले में बखरी प्रखंड की घाघड़ा पंचायत से भाकपा विधायक सूर्यकांत पासवान के भाई रविकांत पासवान को मुखिया पद के लिए तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा.

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भोजपुर के चरपोखरी प्रखंड से जिला पर्षद सदस्य पद से चुनावी दंगल में उतरीं अगिआंव से भाकपा माले विधायक मनोज कुमार मंजिल की पत्नी शीला देवी को हार का सामना करना पड़ा. उन्हें निवर्तमान जिला पर्षद अध्यक्ष आरती देवी ने हराया. सारण जिले में तरैया के विधायक जनक सिंह के भतीजे पप्पू सिंह रामपुर अटौली पंचायत के मुखिया का चुनाव हार गये.

गया जिले में पूर्व शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा की समधन मंजू देवी जिला पर्षद का चुनाव हार गयीं. हथुआ में चैनपुर पंचायत में भाजपा के दिवंगत नेता कृष्णा शाही की बहन बबीता शाही ने अपनी ही भाभी व स्व कृष्णा शाही की पत्नी शांता शाही को मात दे दी. औरंगाबाद जिले के ओबरा के पूर्व विधायक वीरेंद्र कुमार वर्मा के पुत्र कुणाल प्रताप सिंह को भी हार का सामना करना पड़ा है.

Published By: Thakur Shaktilochan

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