बिहार में कुल 11 चरणों में पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election 2021) कराये जाने हैं. दूसरे चरण का मतदान 29 सितंबर को होगा. जबकि, 29 सितंबर को ही जिउतिया व्रत भी है. यह काफी कठिन व्रत है. इसमें महिलाएं संतान की सलामती के लिए अन्न, फल व जल तक ग्रहण नहीं करती हैं. यह दिन उन महिला कर्मियों के लिए विशेष तौर पर कठिन परीक्षा का होगा, जिनकी ड्यूटी मतदान केंद्र पर लगेगी.
दूसरे फेज के मतदान की तिथि के दिन माताएं एक तरफ संतान की सलामती के लिए उपवास करेंगी, तो दूसरी पंचायत में बेहतर सरकार के लिए वोट की चोट मारेंगी. संतान की लंबी उम्र के लिए किया जाने वाला यह व्रत महिलाओं के लिए बहुत ही खास होता है. उसी तरह पंचायत के विकास के लिए बेहतर प्रतिनिधि का चयन भी इनके लिए विशेष महत्व रखता है. इसलिए आगामी 29 सितंबर की तिथि महिलाओं के लिए खास दिन होगा.
बता दें कि इस बार के चुनाव में मतदान करने के लिए अधिक कर्मियों की जरूरत है. क्योंकि, इस बार का पंचायत चुनाव इवीएम व बैलेट दोनों से होगा. पदों की संख्या छह होने से कर्मी भी अधिक लगेंगे. इसके लिए चुनाव आयोग ने महिला कर्मियों की प्रतिनियुक्ति करने का निर्णय लिया है. चुनाव की तारीख जिउतिया पर्व के दिन निर्धारित होने से महिला चुनाव के लिए चैलेंज से कम नहीं होगा. उन्हें बिना अन्न-जल ग्रहण किये मतदान ड्यूटी पूरा करना होगा.
गौरतलब है कि चुनाव के दिन ड्यूटी पर तैनात कर्मियों को काफी भागदौड़ करना होता है. बूथ पर किसी तरह की गड़बड़ी न हो इस पर ध्यान रखने के साथ मतदान संपन्न होने के बाद इवीएम को सील करवाना, वज्रगृह पहुंचने तक नजर रखना आदि कई जवाबदेही रहती है. ऐसे में भूखे-प्यासे रहना उनके लिए एक कठिन तपस्या से कम नहीं होगा.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan