बिहार पंचायत चुनाव: जिंदा मतदाता को बता रहे मरा हुआ, जो मर चुके उनकी लग रही चुनाव में ड्यूटी
बिहार पंचायत चुनाव इस बार नये तरीके से कराये जा रहे हैं लेकिन कई तरह की गड़बड़ी के कारण लोगों को परेशान भी होना पड़ रहा है. अररिया में जीवित मतदाता को मृतक बताकर डिलीट लिस्ट में तो मरे हुए लोगों को चुनाव में ड्यूटी लगाने का मामला सामने आया है.
बिहार पंचायत चुनाव 2021 में निर्वाचन आयोग ने कई बदलाव और नये प्रयोगों के साथ इस बार मतदान कराने का फैसला किया है. लेकिन कई मामलों में यह आम जनों के लिए समस्याएं भी पैदा कर रहा है. कहीं जीवित मतदाता को मृत घोषित कर दिया जा रहा है तो कहीं मृत व्यक्ति की ड्यूटी चुनाव में लगाए जाने की शिकायत सामने आ रही है.
अररिया के कुर्साकाटा में फोटोयुक्त मतदाता सूची विभाग के द्वारा जैसे ही प्रकाशित की गई, कई लोग हैरान रह गये. जीवित मतदाता को भी मृत बताकर उन्हें डिलीट सूची में डाल दिया गया है. वहीं कई जगहों पर उम्मीदवारों को ही उनके मूल वार्ड से हटाकर उनका नाम अन्य वार्ड में डाल दिया गया है. ये परेशानी केवल उम्मीदवारों के साथ ही नहीं बल्कि अनेकों मतदाताओं के भी साथ है.
शनिवार को कुर्साकांटा के प्रखंड कार्यालय के सामने दर्जनों प्रत्याशियों व मतदाताओं ने जमकर आक्रोश प्रदर्शन किया. प्रकाशित मतदाता सूची में अनियमतता व आम मतदाता का नाम सूची से गायब करने के विरोध में ये प्रदर्शन किया गया. दरअसल, फरवरी 2021 में प्रकाशित मतदाता सूची में जब अनियमितता सामने आई थी तो लोगों ने बवाल किया था. उस समय तत्कालीन बीडीओ ने आश्वासन दिया था कि बीएलओ से मतदाताओं की पांडुलिपी लेकर जिला भेजा जाएगा और सही करा दिया जाएगा. लेकिन इसबार फोटोयुक्त मतदाता सूची आने पर भी समस्या जस की तस बनी हुई है. जिसे लेकर लोगों में आक्रोश है.
वहीं अररिया के ही रानीगंज प्रखंड निर्वाची पदाधिकारी ने दो साल पहले मर चुके एक शिक्षक की ड्यूटी बिहार पंचायत चुनाव 2021 में लगा दी. जानकारी के अनुसार, भरगामा प्रखंड के बीरनगर पंचायत के मो शकील चंचल की को चुनाव कार्य में लगाने का आदेश निर्गत हुआ है. यह बात जानते ही लोग हैरान हो गये.
दरअसल, मो. शकील की मौत दो साल पहले ही किसी बीमारी के कारण हो चुकी है. वो रानीगंज प्रखंड के विशनपुर पंचायत के प्राथमिक विद्यालय करबला हाट में शिक्षक के पद पर नियुक्त थे. इस आदेश के जारी होने से अधिकारियों की किरकिरी हो रही है. वहीं इस मामले को जिला पंचायती राज पदाधिकारी किशोर कुमार ने भूलवश होना बताया है और सुधार करने की बात कही है.
Posted By: Thakur Shaktilochan