Loading election data...

बिहार: पंचायतीराज का 3 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला 10 से, इन राज्यों के प्रतिनिधियों का होगा जुटान

बिहार में होने वाले पंचायतीराज सम्मेलन का वीडियो के माध्यम से प्रेजेंटेशन दिया जायेगा. कार्यशाला में पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा सामाजिक सुरक्षा सहित चार-पांच मुद्दों पर परिचर्चा भी की जायेगी. त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थानों के माधयम से विकास को लेकर साथ थीम पर चर्चा होगी.

By RajeshKumar Ojha | August 27, 2024 10:00 PM

बिहार की राजधानी पटना में पहली बार सभी राज्यों के पंचायती राज विभाग का राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित किया जा रहा है. 10 सितंबर से तीन दिनों के लिए आयोजित इस कार्यशाला में बिहार के अलावा 27 राज्यों सहित पांच केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं. पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय कार्यशाला में करीब 800 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे. इसका उद्घाटन केंद्रीय पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह करेंगे.

 अभी तक पंचायती राज मंत्रालय की ओर से छह राज्यों पंजाब, महाराष्ट्र, केरल, ओड़िसा, जम्मू एवं कश्मीर और आंध्रप्रदेश में राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा चुका है. बिहार में आयोजित होनेवाले कार्यशाला का थीम सामाजिक रूप से न्यायपूर्ण और सामाजिक रूप से सुरक्षित पंचायत रखा गया है. कार्यशाला में विभिन्न राज्यों में किये जा रहे बेहतर व नवाचारी प्रयोगों को शेयर किया जायेगा.

ये भी पढ़े.. Bihar Politics: जन सुराज में शामिल हुए देवेंद्र प्रसाद यादव, पढ़िए प्रशांत किशोर ने क्या कहा?

वीडियो के माध्यम से प्रेजेंटेशन दिया जायेगा. कार्यशाला में पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा सामाजिक सुरक्षा सहित चार-पांच मुद्दों पर परिचर्चा भी की जायेगी. त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थानों के माधयम से विकास को लेकर साथ थीम पर चर्चा होगी. इसमें गरीबी मुक्त एवं उन्नत आजीविका पंचायत, स्वस्थ्य पंचायत, चाइल्ड फ्रेंडली पंचायत, जल पर्याप्त पंचायत, स्वच्छ एवं हरित पंचायत, आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचे वाली पंचायत, सामाजिक रूप से न्यायपूर्ण और सामाजिक रूप से सुरक्षित पंचायत, सुशासन वाली पंचायत और महिला हितैषी पंचायत रखा गया है.

विभाग का मानना है कि पंचायतों में विकास की विभिन्न प्रकार की चुनौतियां हैं. इसमें बहु आयामी गरीबी, जन स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, लैंगिक असमानता, पीने का पानी, स्वच्छता और सफाई के अलावा पर्यावरण की रखा शामिल हैं. आजीविका का साधनों का विकास किया जाना भी एक चुनौती है. पंचायतों के सतत विकास के लिए इसे दूर किया जाना आवश्यक है.

अभी तक छह थीम पर अलग-अलग राज्यों में कार्यशाला का आयोजन किया जा चुका है. बिहार में आयोजित होनेवाले कार्यशाला में सातवें थीम सामाजिक रूप से न्यायपूर्ण और सामाजिक रूप से सुरक्षित पंचायत पर विशेष चर्चा होगी.

Next Article

Exit mobile version