Bihar: पटना एयरपोर्ट पर पैरेलल टैक्सी ट्रैक बनकर तैयार, अगस्त में होगा चालू
Bihar: पटना. पैरेलल टैक्सी ट्रैक के बन जाने से विमान रनवे पर लैंड होने के बाद उसी के अंतिम सिरे से घूमकर वापस आने के बजाय बीच में ही टैक्सी ट्रैक पकड़ लेगा और उसी पर चलकर पार्किंग बे तक पहुंचेगा.
Bihar: अनुपम कुमार, पटना. पटना एयरपोर्ट पर पैरेलल टैक्सी ट्रैक और आइसोलेशन पार्किंग बे का निर्माण पूरा हो गया है. दोनों जगह अब क्लीनिंग और पेंट से मार्किंग का काम चल रहा है. इसे इस महीने के अंत तक पूरा कर लिया जायेगा. अगले माह इसकी कमीशनिंग की प्रक्रिया शुरू की जायेगी और डीजीसीए को इसके लिए आवेदन दिया जायेगा. डीजीसीए द्वारा आवेदन की जांच और निरीक्षण कर मंजूरी देने में तीन से चार सप्ताह का समय लगेगा और अगस्त में डीजीसीए की अनुमति मिलने के बाद यह चालू होगा.
25 करोड़ से बना पैरेलल टैक्सी ट्रैक
पैरेलल टैक्सी ट्रैक का निर्माण 25 करोड़ रुपये से हुआ है. यह 1389 मीटर लंबा है, जो रनवे को पार्किंग बे से जोड़ता है. इसकी कुल चौड़ाई 30 मीटर है, जिसमें 23 मीटर विमानों के आने-जाने के लिए रास्ता बना है, जबकि दोनों किनारे पर 3.5 मीटर के सोल्डर लाइट लगाने के लिए बने हैं. अक्तूबर 2022 में इसका निर्माण शुरू हुआ और बनने में 20 महीना का समय लगा.
एक मिनट में खाली हो जायेगा रनवे
पैरेलल टैक्सी ट्रैक के बन जाने से विमान रनवे पर लैंड होने के बाद उसी के अंतिम सिरे से घूमकर वापस आने के बजाय बीच में ही टैक्सी ट्रैक पकड़ लेगा और उसी पर चलकर पार्किंग बे तक पहुंचेगा. इससे लैंडिंग के बाद एक मिनट में रनवे खाली हो जायेगा और हर दो मिनट पर फ्लाइट ऑपरेशन संभव होगा. इससे पटना एयरपोर्ट की फ्लाइट ऑपरेशन क्षमता बहुत बढ़ जायेगी और 300 जोड़ी से भी अधिक फ्लाइटें ऑपरेट की जा सकेंगी. पटना एयरपोर्ट के नये टर्मिनल भवन का इस्तेमाल शुरू होने के बाद इस बढ़ी क्षमता की बहुत जरूरत पड़ेगी, क्योंकि पटना एयरपोर्ट की सालाना यात्री क्षमता वर्तमान 25 लाख से बढ़कर 80 लाख हो जायेगी.
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68 मीटर लंबा और 58 मीटर चौड़ा आइसोलेशन पार्किंग बे
आइसोलेसन पार्किंग बे का निर्माण बम थ्रेट वाले विमानों को अन्य विमानों से अलग खड़ा कर उसकी तलाशी लेने के लिए किया गया है. पटना एयरपोर्ट के अन्य पार्किंग बे से बिल्कुल हटकर इसे टर्मिनल के बैकसाइड (सिटी साइड के विपरीत हिस्से) में फुलवारी रेलवे लाइन के पास एयरपोर्ट के चहारदीवारी से सटाकर बनाया गया है, ताकि यहां किसी प्रकार की दुर्घटना होने पर उसका असर एयरपोर्ट के बाकी हिस्सों पर नहीं पड़े. इसका निर्माण 12 करोड़ से हुआ है. यह 68 मीटर लंबा और 58 मीटर चौड़ा है और वहां तक पहुंचने के लिए 216 मीटर लंबा टैक्सी ट्रैक भी बनाया गया है, इसकी चौड़ाई 30 मीटर है. इसमें 23 मीटर विमानों के आने-जाने के लिए रास्ता है, जबकि उसके दोनों किनारे पर लाइट लगाने के लिए 3.5 मीटर चौड़े सोल्डर बने हैं.