पटना समेत राज्य के 19 जिलों में हवा बेहद खराब हो गयी है. मंगलवार शाम चार बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक पटना का एक्यूआइ 348 था. वहीं, अन्य 18 जिलों में भी वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब दर्ज की गयी है. यह स्थिति लगातार बनी रह रही है. इसके कारण लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है. बिहार में प्रदूषण का मुख्य कारण हवा में धूलकण का बढ़ना है, जिसे पीएम 2.5 कहते हैं. राज्य के लगभग सभी जिलों यह पीएम 2.5 तय मानकों से अधिक है.
मंगलवार को आरा का एक्यूआइ 341, औरंगाबाद का 338, बेगूसराय का 345, भागलपुर का 332, बिहारशरीफ का 384, छपरा का 398, दरभंगा का 386, गया का 305, कटिहार का 345, मोतिहारी का 332, मुंगेर का 317, मुजफ्फरपुर का 334, पूर्णिया का 382, राजगीर का 354, सहरसा का 326, समस्तीपुर का 317, सासाराम का 336, सीवान का 392 एक्यूआइ था.
माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों तक राज्य में प्रदूषण की यही स्थिति बनी रहेगी. डॉक्टरों का मानना है कि इस प्रदूषण से बचने के लिए मास्क लगाकर घर से बाहर निकले. जहां प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है वहां के लोग गैर जरूरी रूप से बाहर निकलने से परहेज करें.
चिकित्सकों के मुताबिक वायु प्रदूषण से टीबी, एलर्जी और अस्थमा के मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इन मरीजों को अपने साथ इन्हेलर रखना जरूरी है. सामान्य लोगों के मुकाबले रोगियों को सांस लेने में ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. दूषित वायु में अधिक समय रहने से स्वस्थ लोगों को भी सांस व हृदय से संबंधी बीमारियां हो सकती हैं. प्रदूषण के कारण आंखों में जलन होने लगती है. प्रदूषण के चलते बुजुर्ग और हृदय रोगियों के साथ बच्चों को सुबह-शाम घर से बाहर निकलने में परहेज करना चाहिए. मास्क लगाकर ही बाहर निकलना चाहिए.