बिहार : विधानसभा चुनाव के पहले सुलझाने होंगे पुलिस को डेढ़ लाख मामले

बिहार पुलिस को करीब डेढ़ लाख मामलों को सुलझाने है. दारोगा -इंस्पेक्टर आदि ने अपना काम समय से पूरा किया होता तो राज्य में अनुंसधान के लिए मात्र 90 हजार कांड होते, जो कि एक आदर्श स्थिति होती.

By Prabhat Khabar News Desk | June 14, 2020 7:51 AM
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पटना : बिहार पुलिस को करीब डेढ़ लाख मामलों का अनुसंधान करना है. दारोगा -इंस्पेक्टर आदि ने अपना काम समय से पूरा किया होता तो राज्य में अनुंसधान के लिए मात्र 90 हजार कांड होते, जो कि एक आदर्श स्थिति होती. राजधानी पटना, मुजफ्फरपुर और गया आदि बड़े शहरों में सबसे अधिक कांड लंबित है. यह संख्या दर्ज होने वाले केसों की चार गुना तक है. राज्य में औसतन 30 हजार कांड प्रतिमाह दर्ज होते हैं. एक जनवरी से 30 अप्रैल तक 78 हजार 643 कांड दर्ज किये जा चुके हैं.

एडीजी सीआइडी विनय कुमार बताते हैं कि पुलिस पदाधिकारी को 90 दिनों के अंदर अनुसंधान करना होता है. अनुसंधान की आदर्श स्थिति यह है कि किसी भी थाने में दर्ज होने वाले कांड से तीन गुना से अधिक मामले अनुसंधान को लंबित नहीं होने चाहिए आइओ, फॉरेंसिक जांच, कोर्ट की कार्यवाही, रिसोर्स के कारण भी देरी हो जाती है़ हर जिला का रिपोर्टिंग औसत अलग- अलग है़ पटना में सबसे अधिक आठ से दस हजार कांड प्रतिमाह दर्ज होते है़. अरवल- शिवहर में यह संख्या सौ के करीब है़

अनुसंधान तेज करने को जवाबदेही तय

अनुसंधान तेज करने के लिए पुलिस मुख्यालय ने जवाबदेही तय कर दी है़ एडीजी सीआइडी विनय कुमार और एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार अनुसंधान की प्रगति की मॉनीटरिंग कर रहे है़ं पुलिस मुख्यालय की साप्ताहिक वीसी यह प्रमुख बिंदु होता है कि किस जिला ने कितने कितने कांड का निष्पादन किया़ एसएसपी- एसपी को हर माह पांच केसों का सुपरविजन कर यह सुनिश्चित करना है कि दर्ज केसों से अधिक अनुसंधान का रहे़ लक्ष्य है कि राज्य में हर माह 8000 पुराने मामलों का अनुसंधान पूरा किया जाये़

अनलॉक-1 में खुले पटना के 72 थानों के 30,000 पेंडिंग केस

लॉकडाउन के समय अपनी बेहतर छवि पेश करने वाली पटना पुलिस के लिए अनलॉक-1 एक बड़ी चुनौती लेकर आया है. अभी तक पुलिस का पूरा ध्यान कोरोना को फैलने से रोकने में लगा था. इस दौरान मुकदमे दर्ज हुए. गंभीर अपराधों में गिरफ्तारियां भी हुई. आरोपितों को अंतरिम जमानत भी मिली. लेकिन, पेंडिंग केस लॉक रहे. पटना के रेंज आइजी संजय सिंह ने लॉकडाउन खत्म होने के बाद पेंडिंग केसों की समीक्षा की, तो चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया. दो महीने के लॉकडाउन की वजह से पटना जिले के कुल 72 थानों में करीब 30,000 केस पेंडिंग हो गये हैं. वहीं, नालंदा में चार हजार केस पेंडिंग है. आइजी ने केस के निबटारे को लेकर सभी एसपी को एक महीने का टास्क दिया है. आइजी ने एक साथ पांच एसपी को एक महीने में कुल 600 पेंडिंग केसों को निबटाने का आदेश दिया है. जिन्हें टास्क सौंपा गया है, उनमें पटना के एसपी वेस्ट, एसपी सेंट्रल, एसपी इस्ट, ग्रामीण एसपी व नालंदा के एसपी शामिल हैं.

अनुसंधान के लिये अप्रैल तक आये नये कांड

पुलिस रेंज संख्या

केंद्रीय रेंज 12843

शाहाबाद 6979

मगध 7881

सारण 7749

चंपारण 7106

तिरुहत 8560

मिथिला 3830

कोसी 5703

पूर्णिया 4016

पूर्वी 3501

बेगूसराय 3040

रेल 981

(स्रोत : बिहार पुलिस)

Posted By : Rajat Kumar

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