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बिहार में एनकाउंटर से अब नहीं हिचकेंगे पुलिसकर्मी, DGP इन जगहों पर उतारने जा रहे स्पेशल टीम

Bihar Police News: बिहार में बढ़ रहे अपराध पर लगाम लगाने के लिए डीजीपी आलोक राज लगातार अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. इसी क्रम में वे अब एक नई पहल की शुरुआत करने जा रहे हैं. जिसके लिए एक स्पेशल टीम तैयार की जा रही है. जो पार्क, स्कूल, बैंक और भीड़भाड़ वाले इलाकों में तैनात रहेगी.

By Abhinandan Pandey | September 27, 2024 9:52 AM
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Bihar Police News: बिहार में बढ़ रहे अपराध पर लगाम लगाने के लिए डीजीपी आलोक राज लगातार अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. इसी क्रम में वे अब एक नई पहल की शुरुआत करने जा रहे हैं. जिसके लिए एक स्पेशल टीम तैयार की जा रही है. जो पार्क, स्कूल, बैंक और भीड़भाड़ वाले इलाकों में तैनात रहेगी. यहां तैनात टीम को गोली मारने का भी आदेश दिया गया है. हालांकि, पहली कोशिश क्राइम के वारदात को अंजाम देने पहुंचे अपराधियों को पकड़ने की रहेगी. इस टीम का नाम ‘बीट पेट्रोलिंग टीम’ दिया गया है.

बता दें कि हथियार से लैस इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम (ERSS-112) की टीम आपकी सुरक्षा के लिए सुबह-सुबह पार्कों और सड़कों पर तैनात रहेगी. ERSS-112 की टीम आग लगने, मेडिकल इमरजेंसी, लॉ एंड ऑर्डर और अकेले सफर करने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए काम तो कर ही रही है पर अब इनके कंधों पर क्राइम कंट्रोल की बड़ी जिम्मेदारी बिहार पुलिस दे रही है. इस नई व्यवस्था का नाम ‘बीट पेट्रोलिंग’ दिया गया है.

बीट पेट्रोलिंग भी डायल 112 की व्यवस्था के तहत करेगा काम

पटना पुलिस के पास डायल 112 की 180 गाड़ियां मौजूद हैं, जिनमें 155 फोर व्हीलर और 55 टू व्हीलर शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक ERSS-112 की गाड़ियां एक पॉइंट पर खड़ी रहती हैं. जैसे ही कंट्रोल रूम को मदद के लिए लोग कॉल करते हैं तो नजदीक वाली गाड़ी को लोकेशन पर भेज दी जाती है. अब ERSS-112 की टीम खास लोकेशन पर खड़ी रहेगी. ताकि क्राइम को कंट्रोल किया जा सके. वर्तमान में प्रति कॉल इनका रिस्पॉन्स टाइम 15 से 16 मिनट देखा गया है. बीट पेट्रोलिंग भी इसी व्यवस्था के तहत होगा.

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टीम के द्वारा ऐसे किया जाएगा काम

बीट पेट्रोलिंग टीम के लिए सबसे पहले अलग-अलग इलाके निर्धारित किए जाएंगे. तय किए गए इलाकों में स्थित, पार्क, स्कूल-कॉलेज, बैंक और अधिक भीड़ वाले इलाकों में क्राइम कंट्रोल की जिम्मेदारी इनके कंधे पर होगी. प्रत्येक दिन सुबह में सबसे पहले टीम को तय इलाके में स्थित पार्क के बाहर भेजा जाएगा. मॉर्निंग वॉक का समय खत्म होते ही टीम उस इलाके के स्कूल-कॉलेज के आसपास तैनात हो जाएगी.

फिर जब बैंक खुलेंगे तो टीम के जवान बैंक के बाहर चले जाएंगे. इन सब के बाद तय इलाके में चिन्हित किए गए अधिक भीड़भाड़ वाले बाजारों में टीम पहुंचकर पेट्रोलिंग करोगी. चेन स्नेचिंग, कैश लूट, बैंक डकैती और हत्या जैसे क्राइम की वारदातों को रोकने के लिए यह टीम तत्पर रहेगी.

बीट पेट्रोलिंग की टीम की GPS से होगी मॉनिटरिंग

बीट पेट्रोलिंग के तहत ERSS-112 की टीम सही तरीके से काम कर रही है या नहीं? इसकी पूरी मॉनिटरिंग पटना में बने कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से की जाएगी. मॉनिटरिंग के लिए ERSS-112 की सभी गाड़ियों में GPS लगा दिया गया है. इसके जरिए टीम के मूवमेंट पर नजर रखी जाएगी. हर एक गाड़ी में एक SI या ASI के साथ तीन कॉन्स्टेबल की टीम रहेगी. पटना समेत बिहार के सभी जिलों को मिलाकर ERSS-112 के पास कुल 1283 गाड़ियां मौजूद हैं.

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राजधानी पटना से शुरुआत, सफलता के बाद पूरे बिहार में होगा लागू

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस नई व्यवस्था को DGP आलोक राज के निर्देश पर तैयार किया गया है. बीट पेट्रोलिंग की शुरुआत सबसे पहले पटना जिले से की जाएगी. ADG के अनुसार पटना में इसकी शुरुआत अगले 7 से 10 दिनों में हो जाएगी. यहां सफलता हासिल करने के बाद बाकी के सभी जिलों में भी इस पहल की शुरुआत हो जाएगी.

स्मॉल और लेटेस्ट हथियार से लैस होगी पुलिस की टीम

बता दें कि ERSS-112 की गाड़ियों में संबंधित जिले की पुलिस टीम ही तैनात होती है. ये टीम स्मॉल और लेटेस्ट हथियार से लैस होगी. ड्यूटी के दौरान अगर टीम का सामना अपराधियों से होता है और उस बीच गोली चलाने की नौबत आती है तो पुलिस की टीम को गोली चलाने का पूरा आदेश होगा. इसके लिए खास तरह के निर्देश भी दिए जाएंगे. हालांकि, पहली कोशिश क्राइम के वारदात को अंजाम देने पहुंचे अपराधियों को पकड़ने की रहेगी.

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