बिहार में शराबबंदी कानून को चैलेंज करने वालों के लिए अब सरकार नयी तैयारी कर रही है. शराब तस्करों की मुश्किलें अब बढ़ने वाली है. तस्करों को अब दोहरी मार पड़ेगी और अब कार्रवाई को और सख्त बनाया जा रहा है. बिहार पुलिस की मद्य निषेध इकाई ने इसे लेकर एक नयी रणनीति तैयार की है जिसके तहत दूसरे राज्यों से बिहार में तस्करी करने वालों का ब्यौरा उनके गृह राज्य में भेजा जाएगा. ताकि उनका शराब ठेका बंद कराकर लाइसेंस रद्द कराया जा सके.
बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से लगातार कई ऐसे मामले सामने आते रहे हैं जिसमें शराब की तस्करी दूसरे राज्यों से होती है. बिहार की सीमा से सटे राज्यों से तस्करी बेहद चतुराई से करायी जाती है. पुलिस को अक्सर ऐसे मामलों में कई तस्कर हाथ भी लगते रहे हैं. वहीं कई बार बड़ी खेप तो कई बार चोरी छिपे शराब लेकर जाते हुए तस्कर पकड़ाए गए हैं. अब उन्हें दोहरी मार देने की तैयारी चल रही है.
बिहार में मद्य निषेध कानून लागू हुआ तो प्रदेश में शराब पर प्रतिबंध लगा. लेकिन तस्करों ने दूसरे राज्यों से सप्लाइ शुरू कर दिया. बड़े पैमाने पर बिहार के अंदर इस अवैध धंधे को पसारा गया. एक अनुमान के तहत दूसरे राज्यों के 4000 से अधिक शराब तस्कर गिरफ्तार किए जा चुके हैं. इन तस्करों पर बिहार में मद्य निषेध कानून के तहत कार्रवाई तो होनी ही है. साथ में अब बिहार पुलिस उनके अपने गृह राज्य और जिले के थाने को भी इन तस्करों के अपराध से संबंधित रिपोर्ट भेजेगी. ताकि उस राज्य की पुलिस इन तस्करों पर और अधिक सख्त कार्रवाई कर सके.
बिहार में कई राज्यों से शराब की तस्करी की जाती है. पुलिस ने जिन राज्यों के तस्करों को अभी तक दबोचा है उनमें बंगाल के तस्कर सबसे अधिक हैं. वहीं झारखंड से भी तस्करी का सिलसिला जारी ही रहता है. पंजाब, हरियाणा और यूपी जैसे राज्यों के तस्कर भी बिहार में अवैध धंधे को पसारते पकड़े गए हैं. अब इन तस्करों के गृह राज्य में पुलिस को इनका ब्यौरा भेज इनके शराब कारोबार का लाइसेंस रद्द कराया जाएगा.
Posted By: Thakur Shaktilochan