कौशिक रंजन, पटना: बिहार में नक्सली गतिविधि और संगठित अपराध समेत अन्य में शामिल बड़े अपराधियों की गिरफ्तारी में एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की भूमिका सबसे खास होती है. एसटीएफ में इंटेलिजेंस या खुफिया सूचनाओं का संग्रह बेहद सशक्त और सटीक तरीके से एकत्र करने के लिए विशेष एसआइबी (स्पेशल इंटेलिजेंस ब्रांच) का गठन किया जा रहा है.
स्पेशल इंटेलिजेंस ब्रांच के गठन की प्रक्रिया तकरीबन पूरी हो चुकी है और जल्द ही यह काम करने लगेगा. फिलहाल इसका नेतृत्व एसटीएफ के एसपी करेंगे और यह एडीजी (ऑपरेशन) को सीधे रिपोर्ट करेंगे यानी सभी खुफिया सूचनाओं को साझा करेंगे. इस ब्रांच के लोग सभी जिला और इससे निचले स्तर पर भी रहेंगे, जो अलग-अलग तरह की सूचनाएं एकत्र करेंगे.
इस ब्रांच में फिलहाल सभी रैंक के पुलिस कर्मियों को मिलाकर करीब एक सौ की क्षमता होगी. इसके लिए सभी कर्मियों का चयन एसटीएफ से ही आंतरिक रूप से किया जायेगा. आने वाले समय में इस क्षमता में बढ़ोतरी भी की जा सकती है. पटना में मौजूद एसटीएफ भवन से ही फिलहाल इसे ऑपरेट किया जायेगा. बाद में इसके लिए अलग से भवन की खोज कर वहां इसका कमांड सेंटर तैयार किया जायेगा.
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इस ब्रांच को दो उच्च क्षमता वाले ड्रोन बहुत जल्द ही मिल जायेंगे. इसके अलावा जीपीएस उपकरण, सर्वर, मोबाइल एवं लोकेशन ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर एवं इसे चलाने वाले उपकरण समेत अन्य सभी तरह के आधुनिक उपकरण भी एसआइबी को मुहैया कराये जायेंगे. ताकि खुफिया सूचनाएं एकत्र कराने में इन्हें बेहद सहूलियत हो. इन्हें इंटरनेट और सभी सोशल मीडिया के एप से जानकारियों को निकालने वाले सभी जरूरी उपकरण और सॉफ्टवेयर भी दिये जायेंगे.
राज्य के गया, लखीसराय, जमुई और नवादा में आंशिक तौर पर नक्सलियों की गतिविधि है. इसके अलावा रोहतास, औरंगाबाद, बेतिया और बांका में बेहद आंशिक रूप से नक्सली गतिविधि बच गयी है. शेष किसी जिलों में नक्सली की मौजूदगी समाप्त हो गयी है.
झारखंड से सटे जिन जिलों में नक्सली गतिविधि बच गयी है, वहां से इनके संपूर्ण सफाये के लिए खुफिया सूचना बेहद महत्वपूर्ण है, ताकि सटीक स्थान पर व्यापक कार्रवाई की जा सके. सभी जिलों से मिली मोस्ट वांटेड अपराधियों को दबोचने में भी इस तरह की सूचना बेहद अहम होगी.
Published By: Thakur Shaktilochan