बिहार में शराब धंधेबाजों की खैर नहीं, अब ड्रोन होगी से निगरानी, दियारा और जंगल-पहाड़ों में भी नहीं बचेंगे

बिहार में शराब माफियाओं की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है. सरकार अब शराब के धंधेबाजों को दबोचने के लिए नयी तैयारी कर रही है. हाल में ही कई जगहों पर छापेमारी के दौरान यह स्पस्ट हो गया था कि सूबे में कई ऐसे इलाके हैं जहां पुलिस की पहुंच आसानी से नहीं हो सकती और ऐसे इलाकों को शराब के धंधेबाजों ने अवैध निर्माण का अड्डा बना लिया है. जबतक पुलिस यहां पहुंचती, ये धंधेबाज भाग निकलते. अब पुलिस को ड्रोन कैमरे उपलब्ध कराये जायेंगे जिसके बाद आसानी से इन धंधेबाजों पर निगरानी रखी जायेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 23, 2021 2:55 PM

बिहार में शराब माफियाओं की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है. सरकार अब शराब के धंधेबाजों को दबोचने के लिए नयी तैयारी कर रही है. हाल में ही कई जगहों पर छापेमारी के दौरान यह स्पस्ट हो गया था कि सूबे में कई ऐसे इलाके हैं जहां पुलिस की पहुंच आसानी से नहीं हो सकती और ऐसे इलाकों को शराब के धंधेबाजों ने अवैध निर्माण का अड्डा बना लिया है. जबतक पुलिस यहां पहुंचती, ये धंधेबाज भाग निकलते. अब पुलिस को ड्रोन कैमरे उपलब्ध कराये जायेंगे जिसके बाद आसानी से इन धंधेबाजों पर निगरानी रखी जायेगी.

हाल में ही राजधानी पटना के सूदूर इलाकों में शराब माफियों के द्वारा अवैध तरीके से शराब बनाने का खुलासा होने के बाद पूरे सूबे में हड़कंप मचा था. यह मामला मीडिया से लेकर विधानसभा तक में चर्चे और हंगामे का विषय बना था. इस मामले की जानकारी मिलने के बाद जब पुलिस मौके पर पहुंची तो काले कारोबार की सारी सामग्री वहां पाई गई, जिसे नष्ट कर दिया गया. लेकिन शराब के धंधेबाज पुलिस आने की भनक मिलते ही फरार हो गए थे.ऐसे कई मामले अलग-अलग जिलों से सामने आते रहे हैं.

अब बिहार पुलिस के मद्यनिषेध इकाई को शराब के धंधे पर नजर रखने ड्रोन कैमरों से लैस किया जायेगा. जिससे दूर-दराज के इलाकों में हो रहे शराब के अवैध निर्माण और कारोबार पर नजर रखी जा सकेगी. दियारा के साथ ही जंगल-पहाड़ के इलाकों में भी अब इसकी जानाकरी और निगरानी रखना आसान हो जायेगा. अभी सुदूरवर्ती इलाकों में निगरानी एक बड़ी समस्या रही है.

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बिहार पुलिस के मद्यनिषेध इकाई ने इन कैमरों की मांग की थी.जिसके बाद अब यह मुहैया कराया जा रहा है. ये ड्रोन कैमरे कम से कम 3 से 5 किलोमीटर के रेंज को कवर कर सकेंगे.एक कैमरा अधिकतम 5 लाख रुपये का होगा. इन कैमरों की गुणवत्ता ऐसी होगी की आसानी से जमीन पर हो रही गतिविधियों की स्पस्ट निगरानी हो सके. इसमें हाई रिज्यूलेशन कैमरा व जीपीएस सिस्टम लगा होगा.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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