तेजस्वी यादव के बयान पर कांग्रेस के तेवर तल्ख, बोले – हमें हल्के में न लें
Bihar Politics : लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस 10-12 सीटें मांग रही थी पर राष्ट्रीय पार्टी के सात सीटों पर संतोष करना पड़ा. कई सीटों पर कांग्रेस पार्टी अपना दावा पहले से करती आ रही थी, लेकिन नहीं दी गईं. कांग्रेस को बची खुची सीटों से काम चलाना पड़ा.
Bihar Politics: पटना. बिहार में राजद और कांग्रेस के बीच दरार बढ़ती जा रही है. नेता प्रतिपक्ष सह ऱाष्ट्रीय जनता दल(राजद) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव के गठबंधन को लेकर आये बयान पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी के नेता शकील अहमद खान ने कहा है कि कोई हमें हल्के में नहीं ले. तेजस्वी यादव ने बक्सर में मीडिया के साथ बातचीत के दौरान इंडिया अलायंस के अस्तित्व पर सवाल खड़ा किया था. बिहार विधानसभा के चुनावी वर्ष में तेजस्वी यादव और शकील अहमद खान के बयनों के बड़े मायने हैं.
कांग्रेस को अपनी ताकत का एहसास
तेजस्वी यादव के इस बयान पर जब कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहम खान से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि किसी को हमें हल्के में नहीं लेना चाहिए. जो हमें हल्के में लेता है उसे हम लोग और भी ज्यादा हल्के में लेते हैं, लेकिन यह साल उभरा नहीं है. उन्होंने कहा कि बिहार में जो सरकार चल रही है वह आम जनमानस के खिलाफ चल रही है. उसके खिलाफ हमारी मोर्चाबंदी जारी है. शकील अहमद खान ने कहा कि बीजेपी की विचारधारा के खिलाफ जितने भी दल हैं इंडिया गठबंधन में हैं. संसद में सभी विपक्षी दल एकजुट होकर केंद्र सरकार को घेरते हैं.
नये सिरे से होगा गठबंधन पर फैसला
तेजस्वी यादव ने कहा था कि इंडिया अलायंस सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए था. इंडिया गठबंधन का उद्देश्य नरेंद्र मोदी को केंद्र की सत्ता से बाहर करना था. उन्होंने कहा कि यह अलायंस लोकसभा चुनाव के लिए बना था. बिहार विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को जारी रखने पर अभी कुछ तय नहीं है. बिहार में हम अपने समान विचारवाले दलों से नये सिरे से इसपर बात करेंगे. कांग्रेस नेता कहते रहे हैं कि पिछली बार हम लोग 70 सीटों पर लड़े थे. उससे ज्यादा सीटें चाहिए. दो डिप्टी बने कांग्रेस की मांग है इस पर हम लोग कायम हैं. कांग्रेस की विश्वसनीयता बढ़ी है. लोकसभा चुनाव का नतीजा देख लीजिए. बिहार में ज्यादा सीटें चाहिए.
लोकसभा चुनाव में भी सीट को लेकर फंसा था पेंच
बिहार में राजद कांग्रेस पार्टी को गंभीरता नहीं लेती है. बीते दिनों बिहार में चार सीटों पर विधानसभा के उप चुनाव हुए. कांग्रेस पार्टी एक सीट पर लड़ना चाहती थी, लेकिन राजद ने नहीं दिया. तेजस्वी यादव पहले कई बार कह चुके हैं कि जहां जिसकी ताकत ज्यादा वहां वही बड़ा भाई होगा. लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस 10-12 सीटें मांग रही थी पर राष्ट्रीय पार्टी के सात सीटों पर संतोष करना पड़ा. कई सीटों पर कांग्रेस पार्टी अपना दावा पहले से करती आ रही थी, लेकिन नहीं दी गईं. कांग्रेस को बची खुची सीटों से काम चलाना पड़ा.
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