पटना : इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सूबे में सियासी हलचल तेज हो गयी है. इसी कड़ी में राजद नेतृत्व वाली महागठबंधन को बड़ा झटका देते हुए बिहार के पूर्व सीएम एवं हिन्दुस्तान अवाम मोरचा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने गठबंधन से अपना संबंध तोड़ लिया है. जीतन राम मांझी के महागठबंधन से अलग होने के उनके फैसले को लेकर सूबे में चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है. पूर्व सीएम मांझी के इस निर्णय के साथ ही उनके अगले सियासी कदम पर सबकी निगाहें टिक गयी है. सियासी गलियारों में चर्चा जोरों पकड़ रही है कि एक बार फिर से वह एनडीए में शामिल होने का निर्णय ले सकते हैं. हालांकि, इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.
दरअसल, गुरुवार को पार्टी की कोर कमिटी की बैठक में जीतन राम मांझी ने महागठबंधन से अलग होने का निर्णय लिया है. चर्चा है कि महागठबंधन से अलग होने के बाद जीतन राम मांझी फिर से एनडीए में शामिल हो सकते हैं. पार्टी की कोर कमिटी की बैठक के बाद हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने पत्रकारों को महागठबंधन से अलग होने की जानकारी दी. बताया कि महागठबंधन में निरंतर उपेक्षा और समन्वय समिति की गठन करने की बात नहीं माने जाने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी और कोर कमेटी ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है.
हालांकि, चुनाव से पूर्व किसी अन्य गठबंधन में जीतन राम मांझी के शामिल होने के संबंध में पूछे जाने पर रिजवान ने बताया कि इस संबंध में अगले दो-तीन दिनों में ही निर्णय लिया जाएगा. फिलहाल अभी यह तय नहीं किया गया है कि आखिर पार्टी प्रमुख जीतन राम मांझी कहां जायेंगे. वहीं सियासी गलियारों में इस बात आशंका जाहिर की जा रही है कि मांझी फिर से एनडीए में घर वापसी कर सकते हैं. चर्चा है कि इस बारे में उनकी जदयू के नेताओं से इस मामले में बातचीत भी हो चुकी है.
Upload By Samir Kumar