बिहार: क्या कोरोनाकाल में प्राइवेट स्कूलों द्वारा ली गयी फीस होगी वापस? विधानसभा में शिक्षा मंत्री ने भी इसे बताया गलत, कहा…

बिहार में विधानसभा का सत्र चल रहा है. इस दौरान सदन में प्राइवेट स्कूलों द्वारा कोरोनाकाल के समय की फीस वसूली भी मुद्दा रहा. कोरोनाकाल के दौरान स्कूलों द्वारा ली गई फीस पर सदन में खूब चर्चा हुई. यह सवाल उठाया गया कि जब कोरोनाकाल के दौरान स्कूल में पढ़ाई ही नहीं हुई तो फिर बच्चों के अभिभावकों से फीस के नाम पर मोटी रकम क्यों वसूली जा रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 17, 2021 7:19 AM
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बिहार में विधानसभा का सत्र चल रहा है. इस दौरान सदन में प्राइवेट स्कूलों द्वारा कोरोनाकाल के समय की फीस वसूली भी मुद्दा रहा. कोरोनाकाल के दौरान स्कूलों द्वारा ली गई फीस पर सदन में खूब चर्चा हुई. यह सवाल उठाया गया कि जब कोरोनाकाल के दौरान स्कूल में पढ़ाई ही नहीं हुई तो फिर बच्चों के अभिभावकों से फीस के नाम पर मोटी रकम क्यों वसूली जा रही है.

सदन में फीस को लेकर जब यह चर्चा शुरू हुई तो मामले में सूबे के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने भी अपनी बात रखी. उन्होंने फीस के मामले पर बोलते हुए कहा कि सरकार भी सैद्धांतिक रूप से सहमत है कि अगर स्कूल में पढ़ाई नहीं हुई है तो फीस नहीं लगनी चाहिए. इसपर सदन में यह बात भी उठी कि जो फीस वसूली गयी है, सरकार इस राशि को वापस कराये.

शिक्षा मंत्री ने सदन में कहा कि सरकार देखेगी की इस मामले पर क्या किया जा सकता है.उन्होंने कहा कि निजी विद्यालयों का भी तर्क है कि कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की गयी है. शिक्षा मंत्री मंगलवार को विधानसभा में मनेर के विधायक भाई वीरेंद्र के अल्प सूचित प्रश्न का जवाब दे रहे थे.

प्राइवेट स्कूलों के फीस वसूली मामले पर राजद के भाई वीरेंद्र ने प्रश्नकाल के दौरान सवाल उठाया. उन्होंने इसे गलत ठहराते हुए कहा कि जब कोरोनाकाल में स्कूल बंद था तो भी अभिभावकों से फीस वसूला गया. सरकार को इस मामले पर अपना फैसला लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि स्कूल का संचालन एक-दो महीने से ही हो रहा है, लेकिन फीस पूरे साल का वसूला जा रहा है.

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वहीं शिक्षा मंत्री ने कहा प्राइवेट स्कूलों में मनमाने तरीके से फीस नही वसूला जाये, इसे लेकर सरकार ने 2019 में कानून भी बनाया है.जिसके बाद मनामने ढ़ंग से फीस वसूली पर लगाम भी लगा है. लेकिन यह मामला कोरोनाकाल के विशेष दौर से जुड़ा है इसलिए सरकार इस मामले को देखेगी.

शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि समग्र शिक्षा कार्यक्रम के तहत विद्यालयों को भेजी गयी कंपोजिट मद की राशि की जानकारी स्थानीय विधायकों को भी दी जायेगी. विद्यालय प्रबंध समिति और शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश जारी किया जायेगा. शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी मंगलवार को विधानसभा में राजकुमार सिंह व अन्य सदस्यों के ध्यानाकर्षण सूचना का जवाब दे रहे थे.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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