19.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार के प्रोफेसर ललन कुमार हकीकत में लौटा रहे थे पूरी 23 लाख सैलरी? हटी परत तो सामने आया नया विवाद

बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित एक कॉलेज के प्रोफेसर मीडिया व सोशल मीडिया पर सुर्खियों में हैं. अपनी पूरी सैलरी लौटाने का दावा करने वाले प्रोफेसर से जुड़ा मामला अब कई अलग मुद्दों के साथ सामने आने लगा है.

बिहार के एक प्रोफेसर अभी काफी अधिक सुर्खियों में है. मुजफ्फरपुर के नीतीश्वर कॉलेज के सहायक प्रोफेसर डॉ ललन कुमार से जुड़ी एक खबर अचानक सोशल मीडिया पर आग के तरह फैली. दावा किया गया कि प्रोफेसर ललन कुमार ने ज्वाइनिंग से अबतक की सैलरी को लौटाने का अनुरोध किया है. बात निकली तो दूर तक गयी और फिर इस पूरी कहानी ने एक अलग ही मोड ले लिया. जब इस दावे की पड़ताल की गयी तो मामला कुछ अधिक ही पेंचिदा दिखता नजर आ रहा है.

अकाउंट में 1000 रुपये भी नहीं, चेक दिया 23 लाख से अधिक का

मुजफ्फरपुर के नीतीश्वर कॉलेज के सहायक प्रोफेसर डॉ ललन कुमार ने एक भी छात्र को नहीं पढ़ा पाने का हवाला देकर वेतन के 23.82 लाख रुपये विश्वविद्यालय को लौटा देने की पेशकश की .ऐसा दावा जब सामने आया तो इसकी हकीकत को जानने का प्रयास किया गया. जिस अकाउंट नंबर का चेक उन्होंने विवि को दिया था, उसमें सिर्फ 970.95 रुपये ही हैं. हालात अब ऐसे हैं कि इस मुद्दे पर विश्विद्यालय और प्रोफेसर दोनों अलग किनारे पर खड़े हैं. विश्विद्यालय प्रशासन ने इस दावे को खारिज किया है कि यहां बच्चे पढ़ने नहीं आते तो वहीं अब प्रोफेसर के ट्रांसफर-पोस्टिंग के विवाद की तरफ ये मुद्दा मुड चुका है.

नीतीश्वर महाविद्यालय शिक्षक संघ की बैठक 

जिस अकाउंट नंबर का चेक प्रोफेसर ने विवि को दिया था, उसमें सिर्फ 970.95 रुपये ही हैं. इधर नीतीश्वर महाविद्यालय शिक्षक संघ, BUTA ने बैठक किया जिसमें प्रोफेसर ललन भी शामिल रहे. बूटा की नीतीश्वर महाविद्यालय ने प्रेस कांफ्रेस करके भी इस मुद्दे पर पक्ष रखा. बैठक के बाद पत्र जारी कर बताया गया कि खुद प्रोफेसर ललन कुमार ने कहा है कि उनके दावे को तोड़ मरोड़ कर मीडिया ने दिखाया. कक्षा में छात्रों की उपस्थिति कम कहा लेकिन मीडिया ने शून्य दिखाया. वहीं BUTA के सचिव डॉ. रवि रंजन ने कहा कि प्रोफेसर ललन कुमार का मुद्दा कक्षा में छात्रों की कम संख्या नहीं बल्कि उनका ट्रांसफर है. जो ललन कुमार इससे पहले भी सोशल मीडिया के कई चैनल पर बता चुके हैं.

Also Read: Exclusive: वेतन के 23.82 लाख विश्वविद्यालय को लौटाने वाले प्रोफेसर के खाते में महज 970 रुपये, लगे ये आरोप
Undefined
बिहार के प्रोफेसर ललन कुमार हकीकत में लौटा रहे थे पूरी 23 लाख सैलरी? हटी परत तो सामने आया नया विवाद 2
प्रोफेसर की दलील

मामला उछला तो खुद प्रोफेसर ललन कुमार ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने बताया कि उनकी नियुक्ति 12 फरवरी 2019 को बीपीएससी के द्वारा की गयी. 24 सितंबर 2019 को विश्विद्यालय में उनकी पोस्टिंग हुई और अगले दिन उन्होंने नीतीश्वर महाविद्यालय में योगदान दिया. प्रोफेसर का आरोप है कि इस कॉलेज में छात्रों की उपस्थिति बेहद कम रहती है. और कोरोनाकाल में भी किसी ने ऑनलाइन कक्षा तक में दिलचस्पी नहीं ली. आरोप लगाया कि छात्रों को अनुपस्थित रहने के बाद भी गलत तरीके से हाजिरी पूरी कर दी जाती है.

नियुक्ति, ट्रांसफर को लेकर सामने आया विवाद

वहीं मीडिया से बात करते हुए उन्होंने एक मुद्दा उछाला कि वो स्नाकोत्तर यानी पीजी विभाग में ट्रांसफर करने का अनुरोध लगातार करते रहे हैं लेकिन उनके साथ पक्षपात होता रहा है. उनके कम मेरिट वाले प्रोफेसरों को भेज दिया गया लेकिन उन्हें नहीं भेजा जाता है. बताया कि दूसरे कॉलेज में ट्रांसफर का आश्वासन भी मिला लेकिन फिर से अन्य प्रोफेसरों का तबादला कर दिया गया जबकि उन्हें रिक्वेस्ट के बाद भी नहीं भेजा गया. कुल मिलाकर यह मामला केवल सैलरी लौटाने का नहीं दिख रहा बल्कि एक मामले के अंदर कई अन्य मामले इसमें समाहित लग रहे हैं.

प्रोफेसर ललन ने मांगी माफी

वहीं इस पूरे मामले ने तूल पकड़ा तो प्रोफेसर ललन कुमार ने इस मामले को लेकर माफी मांग ली है. उन्होंने कुलसचिव को माफीनामा भेजा है. प्रिंसिपल को सौंपे माफीनामा में ललन कुमार ने लिखा है कि वो भावना में बहकर ऐसा कर गये. कॉलेज को बदनाम करने की उनकी मंशा नहीं थी.

Published By: Thakur Shaktilochan

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें