बिहार फरवरी में प्रसव पूर्व जांच में देश में चौथे स्थान पर रहा
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान : दूसरी व तीसरी तिमाही वाली 24 हजार 173 गर्भवतियों की हुई जांच

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान : दूसरी व तीसरी तिमाही वाली 24 हजार 173 गर्भवतियों की हुई जांच संवाददाता,पटना मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए चलाए जा रहे प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के संचालन में बिहार ने सामूहिक प्रयासों व संकल्पों से नयी नजीर पेश की है. राज्य ने फरवरी माह में भी राष्ट्रीय स्तर पर चौथा स्थान प्राप्त किया है. फरवरी माह में राज्य में दूसरे व तीसरे तिमाही वाली कुल 24 हजार 173 गर्भवतियों की जांच इस अभियान के तहत की गयी. हर माह के 9 व 21 तारीख को आयोजित होने वाले इस अभियान में बिहार अगस्त व सितंबर 2017 में पहले स्थान पर रहा जबकि जून 2022 एवं अगस्त 2024 में देश के शीर्ष दो राज्यों में अपनी जगह बना चुका है. पीएमएसएमए की शुरुआत 2016 में प्रधानमंत्री के द्वारा किया गया था. इसमें प्रत्येक माह के 9 एवं 21 तारीख को स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेषज्ञ चिकित्सकों के द्वारा गर्भवती महिलाओं की हीमोग्लोबिन, एचआइवी, शुगर, अल्ट्रासाउंड जैसी जांच की जाती है. जरूरत पड़ने पर गर्भवती महिलाओं को उच्चतर स्वास्थ्य केंद्रों पर भी रेफर किया जाता है. प्रसव पूर्व जांच के बारे में फॉग्सी की पूर्व अध्यक्ष डा मीना सावंत का कहना है कि राज्य में प्रसव पूर्व जांच के प्रति लोगों में सतर्कता पहले की अपेक्षा काफी बढ़ी है. प्रसव पूर्व जांच से गर्भवती और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के बारे में पूरी जानकारी मिलती है. पूरे गर्भकाल में कम से कम चार बार प्रसव पूर्व जांच कराना जरूरी है. इससे गर्भवतियों में उच्च जोखिम वाले प्रसव का भी पता चलता है. संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिलने के साथ प्रसव प्रबंधन में भी आसानी होती है.
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