स्वच्छ जल के पैमाने पर बिहार तीसरे नंबर पर

राज्य सरकार की हर घर नल का जल योजना का असर दिखाई देने लगा है. राज्य के लोगों को स्वच्छ जल और स्वच्छता के मामले में बिहार देश के कई विकसित राज्यों से भी आगे है. इस मामले में पूरे देश में बिहार का तीसरा स्थान है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 16, 2024 1:05 AM

कैलाशपति मिश्र,पटना राज्य सरकार की हर घर नल का जल योजना का असर दिखाई देने लगा है. राज्य के लोगों को स्वच्छ जल और स्वच्छता के मामले में बिहार देश के कई विकसित राज्यों से भी आगे है. इस मामले में पूरे देश में बिहार का तीसरा स्थान है. यह खुलासा नीति आयोग की चौथी सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) की रिपोर्ट में हुआ है. इस रिपोर्ट में सामाजिक-आर्थिक स्थिति के लिहाज से देश के सभी राज्यों की रैंकिंग तय की गयी है. स्वच्छ जल और स्वच्छता के मामले में बिहार से आगे देश के केवल दो राज्य हैं, गोवा और हिमाचल प्रदेश. इस पैमाने पर यदि बात स्कोर का करेंगे तो गोवा और हिमाचल का स्कोर सौ में सौ है, जबकि बिहार का 98% व राष्ट्रीय औसत 89% है. पिछले साल जलशक्ति मंत्रालय ने बिहार को चौथे राष्ट्रीय जल पुरस्कार के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में तृतीय पुरस्कार के लिए चयनित किया था. नीति आयोग की चौथी सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) रिपोर्ट में सामाजिक-आर्थिक स्थिति के लिहाज से देश के सभी राज्यों की रैंकिंग तय की गयी है जिसमें बिहार सबसे निचले पायदान पर है.जबकि उत्तराखंड ने शीर्ष स्थान पर अपनी जगह बनायी है. इस रिपोर्ट के अनुसार, दो राज्यों को गरीबी उन्मूलन पर एसडीजी-1 प्राप्त करने के लिए सुधार करने की जरूरत है. फिसड्डी राज्यों में बिहार के बाद झारखंड, नागालैंड, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश का स्थान है.नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले दस साल में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आये हैं. इसका मतलब यह हुआ कि पिछले 10 साल में देश और खुशहाल हुआ है. इनमें बिहार और अरुणाचल प्रदेश का नाम शामिल है. इस रिपोर्ट को तैयार करने का उद्देश्य राज्यों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का पता लगाकर उसमें सुधार करना और वैसे राज्यों को विकास के रास्ते पर लाना है. रिपोर्ट के अनुसार कुपोषण, बौनापन और मिनिमम बॉडी मास इंडेक्स में सुधार करने की जरूरत है. नीति आयोग की चौथी सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) रिपोर्ट में सामाजिक-आर्थिक स्थिति के लिहाज से देश के सभी राज्यों की रैंकिंग तय की गयी है जिसमें बिहार सबसे निचले पायदान पर है.जबकि उत्तराखंड ने शीर्ष स्थान पर अपनी जगह बनायी है. इस रिपोर्ट के अनुसार, दो राज्यों को गरीबी उन्मूलन पर एसडीजी-1 प्राप्त करने के लिए सुधार करने की जरूरत है. फिसड्डी राज्यों में बिहार के बाद झारखंड, नागालैंड, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश का स्थान है.नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले दस साल में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आये हैं. इसका मतलब यह हुआ कि पिछले 10 साल में देश और खुशहाल हुआ है. इनमें बिहार और अरुणाचल प्रदेश का नाम शामिल है. इस रिपोर्ट को तैयार करने का उद्देश्य राज्यों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का पता लगाकर उसमें सुधार करना और वैसे राज्यों को विकास के रास्ते पर लाना है. रिपोर्ट के अनुसार कुपोषण, बौनापन और मिनिमम बॉडी मास इंडेक्स में सुधार करने की जरूरत है.

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