संवाददाता, पटना सीएम उद्यमी योजना की तरह पीएमइजीपी (प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम ) बिहार में रोजगार सृजन का अहम जरिया बन गयी है. बैंकों की तरफ से तमाम अड़चनों के बाद भी वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल स्वीकृत आवेदन में 78 % केस में आवेदकों मार्जिन मनी बांटी गयी थी. यह अपने आप में एक रिकाॅर्ड है. दरअसल इस योजना के तहत मार्जिन मनी वितरण में बिहार देश में तीसरे स्थान पर रहा, जबकि आवेदन में पूरे देश में दूसरे और आवेदन स्वीकृत करने में बिहार चौथे स्थान पर रहा है. राष्ट्रीय रैंकिंग में यह स्थिति उत्साहजनक बतायी जा रही है. वित्तीय वर्ष 2023-24 पीएमइजीपी के तहत कुल 13598 ऋण स्वीकृत किये गये. इनमें 10552 लोगों को ऋण बांटे गये. इतनों को यूनिट लगाने मार्जिन मनी दी गयी है. इतनी यूनिट अस्तित्व में आ चुकी हैं. यह आंकड़ा राज्य की सीएम उद्यमी योजना के वार्षिक आंकड़े से भी अधिक है. जहां तक चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 का सवाल है, अभी इसकी पहली छमाही खत्म भी नहीं हुई, बिहार में पीएमइजीपी के तहत कुल स्वीकृत लोन केस में 37 प्रतिशत का वितरण भी किया जा चुका है. दरअसल वर्तमान वित्तीय वर्ष में अभी तक 4021 लोगों के लोन स्वीकृत हो चुके हैं. इसमें 1469 लोगों को लोन बांटे भी जा चुके हैं. इस समयावधि में लोन वितरण का यह आंकड़ा काफी उत्साहजनक है. हालांकि, यह भी एक सच्चाई है कि राज्य अभी तक लक्ष्य का शतप्रतिशत हासिल नहीं कर सका है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 लक्ष्य का करीब 50 %, 2021-22 में 72%, 2020-21 में 77 % , 2019-20 में 44% और 2018-19 में लक्ष्य का 78 % आवेदकों को लाेन बांटे गये थे.
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