कोरोना से जंग में बिहार को विदेशों से मिलनी शुरू हुई मदद, अमेरिका से मिले 184 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, मरीजों को मिलेगी राहत
कोरोना के दूसरे लहर से लड़ रहे बिहार को अब विदेशों से भी मदद मिलने की शुरुआत हो गई है. अब देश के बाहर से मिलने वाली मदद भी बिहार के लिए कोरोना की दूसरी लड़ाई में बड़ी भूमिका निभाएगी. इसी क्रम में गुरुवार को अमेरिका की कम्यूनिटी पार्टनर्स इंटरनेशनल संस्था और भारत की टाटा मेमोरियल अस्पताल के द्वारा स्थापित संस्था 'नव्या' के सहयोग से 184 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर पटना पहुंचे.
कोरोना के दूसरे लहर से लड़ रहे बिहार को अब विदेशों से भी मदद मिलने की शुरुआत हो गई है. अब देश के बाहर से मिलने वाली मदद भी बिहार के लिए कोरोना की दूसरी लड़ाई में बड़ी भूमिका निभाएगी. इसी क्रम में गुरुवार को अमेरिका की कम्यूनिटी पार्टनर्स इंटरनेशनल संस्था और भारत की टाटा मेमोरियल अस्पताल के द्वारा स्थापित संस्था ‘नव्या’ के सहयोग से 184 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर पटना पहुंचे.
अमेरिका से पटना पहुंचे ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर को पटना पहुंचने के बाद उसे स्वास्थ्य विभाग के हवाले किया गया. बिहार फाउंडेशन के माध्यम से उसे स्वास्थ्य विभाग को सौंपा गया. बता दें कि हाल में ही राज्य सरकार ने बिहार फाउंडेशन को विदेशों से आने वाली राहत सामग्री के लिए नोडल संस्था के रूप में अधिकृत किया था. फाउंडेशन ने कॉन्सेंट्रेटर के लिए दूतावासों व अन्य स्थानों पर संपर्क किया, जिसका परिणाम भी दिखने लगा है.
184 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर एयर इंडिया के विमान से पहली खेप में पटना एयरपोर्ट पहुंचा. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग इन कॉन्सेंट्रेटरों के उपयोग के लिए भी अपनी तैयारी कर ली है. यह भी तय कर लिया गया है कि कितने कॉन्सेंट्रेटर कहॉं उपयोग में भेजे जाएंगे. जानकारी के मुताबिक, 23 कॉन्सेंट्रेटर कंकडबाग स्थित एक अस्पताल को मिलेगा. वहीं 69 होमी भाभा हॉस्पीटल एवं कैंसर रिसर्च सेंटर मुजफ्फरपुर को तथा 92 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर सदर अस्पताल और प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों को भेजा जाएगा.
गौरतलब है कि यह मशीन कोरोना के हल्के लक्षणों और शुरुआती लक्षण वाले मरीजों में बहुत कारगर है. यह मशीन कमरे से हवा को खींचकर उससे 76 प्रतिशत नाइट्रोजन को बाहर करके 96 प्रतिशत ऑक्सीजन बनाता है. जिसे मास्क के जरिए मरीजों को दिया जाता है. विदेशों से आ रहे इन मदद से बिहार को काफी राहत मिलेगी.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan