बिहार में आरक्षण पर सियासत, गोलबंद हुए एनडीए और कांग्रेस

आरक्षण बचाओ संघर्ष मोरचा के तहत एनडीए और कांग्रेस के एससी-एसटी विधायकोें का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात कर उन्हें आरक्षण संबंधी ज्ञापन सौंपा.

By Prabhat Khabar News Desk | June 14, 2020 8:35 AM

पटना : आरक्षण बचाओ संघर्ष मोरचा के तहत एनडीए और कांग्रेस के एससी-एसटी विधायकोें का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात कर उन्हें आरक्षण संबंधी ज्ञापन सौंपा. आरक्षण बचाओ मोर्चा के सदस्य और राज्य के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने बताया कि आरक्षण को लेकर उनसे अपने स्तर पर पहल करने की आग्रह की. राज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि वे उनकी मांगों का समर्थन करते हैं व इसके लिए प्रयास करेंगे. साथ ही अपनी ओर से इसका अनुमोदन राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री को भी भेजेंगे.

रजक ने बताया कि विगत दिनों के आरक्षण संबंधी न्यायालयों के निर्देशों से एससी-एसटी वर्ग के लोगों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. उनमें आरक्षण से वंचित कर दिये जाने का भय व्याप्त हो गया है. इसलिए आरक्षण संबंधी विवादों के स्थायी निराकरण हेतु आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में सम्मिलित करने संबंधी मांग पत्र सौंपा गया. माेर्चा जल्द ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर उनसे भी इस मामले में पहल करने का अनुरोध करेगा. .

उनकी मांगों में अखिल भारतीय न्यायायिक सेवा के गठन के लिए अध्यादेश लाने,बैकलाॅग पदों पर अभियान चलाकर शीघ्र नियुक्ति करने, वरिष्ठता आधारित प्रोन्नति को पूर्ववत लागू करने, आरक्षित वर्ग के अभ्यार्थियों को सामान्य वर्ग का कटऑफ मार्क्स प्राप्त करने पर उनकी नियुक्ति पहले की भांति सामान्य श्रेणी में करने, सरकारी क्षेत्र में घटते नौकरियों के मद्देनजर निजी क्षेत्र में आरक्षण की व्यवस्था किये जाने आदि प्रमुख हैं. प्रतिनिधिमंडल में श्याम रजक, ललन पासवान, कृष्ण कुमार ऋषि, रमेश ऋषिदेव, डाॅ अशोक राम, निरंजन राम,रवि ज्योति, राजेश कुमार, राजेश राम और अचमित ऋषिदेव शामिल थे

आरक्षण मौलिक अधिकार कोई नहीं छीन सकता : मोदी

उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि आरक्षण अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़े वर्गों का मौलिक अधिकार है़ भाजपा के रहते कोई ताकत इस अधिकार से इन वर्गों को वंचित नहीं कर सकती है. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने संविधान संशोधन कर प्रोन्नति में आरक्षण दिया, तो नरेंद्र मोदी की सरकार ने दलित अत्याचार निवारण अधिनियम में 23 नयी धाराएं जोड़ कर उसे और कठोर बनाया. सुप्रीम कोर्ट ने कुछ धाराओं को शिथिल किया, तो कानून में संशोधन कर उसे फिर से स्थापित किया था. डिप्टी सीएम ने संवैधानिक संस्थाओं से भी आरक्षण से जुड़े अत्यंत संवेदनशील मुद्दों पर काफी सावधानी बरतने की अपील की है. उन्होंने कहा कि अजा, अजजा को मिला आरक्षण डॉ भीम राव आंबेडकर और महात्मा गांधी की देन है. भाजपा नौकरियों में दलितों के प्रोमोशन में आरक्षण का समर्थन करती है. दलित आरक्षण में क्रीमी लेयर का कभी पक्षधर नहीं रही है. पार्टी का स्पष्ट मत है कि अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़े वर्गों के आरक्षण में कोई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए .

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