बिहार सरकार के विभागों में प्रोन्नति की प्रक्रिया शुरू नहीं होने के कारण पुलिस महकमे में बड़ी संख्या में इसके जरिये भरे जाने वाले पद खाली पड़े हैं. जिनमें हवलदार, जमादार और दारोगा से लेकर इंस्पेक्टर तक के करीब 20 हजार पद हैं. अब इन्हें भरने की कवायद पुलिस विभाग ने शुरू कर दी है. इन सभी पदों को भरने के लिए तात्कालिक व्यवस्था के तहत संविदा पर रिटायर हो चुके कर्मियों को बहाल किया जायेगा.
इसके तहत जमादार, दारोगा और इंस्पेक्टर के पद पर ही रिटायर्ड कर्मियों की बहाली होगी. अगर बहुत आवश्यकता महसूस की जायेगी, तब डीएसपी रैंक में भी रिटायर्ड कर्मियों की बहाली की जा सकती है. यह पहला मौका होगा, जब पुलिस महकमे में इतनी बड़ी संख्या में रिटायर्ड हो चुके कर्मियों को संविदा पर बहाल किया जा रहा है.
संविदा पर बहाल होने वाले इन कर्मियों को शुरू में एक से दो वर्ष के अनुबंध पर रखा जायेगा. इसके बाद जरूरत पड़ने पर इसकी अवधि बढ़ायी जायेगी. संविदा बहाली से जुड़ी प्रक्रिया को शुरू करने से संबंधित अंतिम आदेश प्राप्त करने के लिए गृह विभाग के पास पुलिस महकमे ने फाइल भेज दी है. आदेश प्राप्त होते ही इससे जुड़ा विज्ञापन प्रकाशित कर दिया जायेगा.
शुरुआत में कोरोना काल के दौरान रिटायर हुए हवलदार से लेकर इंस्पेक्टर तक के कर्मियों को बहाल कराने की योजना है. इनकी संख्या करीब दो हजार है. इसके अलावा प्रकाशित विज्ञापन के माध्यम से भी दो से तीन हजार कर्मियों के बहाल होने की संभावना है. इसके बाद भी अगले चरण का विज्ञापन निकाला जायेगा. इस तरह तीन प्रयासों में खाली पड़ी आधी सीटें भरने की संभावना है.
इसमें 65 वर्ष से अधिक उम्र के रिटायर्ड कर्मी आवेदन नहीं कर सकते हैं. जिस पद से जो रिटायर्ड हुए हैं, वे उसी पद के लिए आवेदन करने के योग्य होंगे. आवेदन करने की अन्य योग्यता के तहत रिटायर होने के 10 साल पहले तक किसी तरह का बड़ा दंड और पांच साल के अंदर कोई लघु दंड या किसी मामले को लेकर कोई शोकॉज नहीं किया गया हो. इसके अलावा संबंधित कर्मी का पूरा कार्यकाल स्वच्छ रहा हो और स्वास्थ्य भी अच्छी स्थिति या काम करने लायक होना चाहिए.
पुलिस महकमे में बड़ी संख्या में प्रोन्नति के पद खाली रहने के कारण अनुसंधान समेत थाना स्तर पर कई अहम कार्य नहीं हो पा रहे हैं. संविदा पर तैनात किये गये कर्मियों को थानेदारी या एसएचओ जैसे अहम पद पर नहीं बैठाया जायेगा. हालांकि, आवश्यकता पड़ने पर इन्हें थाने में किसी कांड का आइओ भी बनाया जा सकता है. मुख्य रूप से अनुसंधान और ऐसे कार्यों में इनकी तैनाती होगी.