Bihar Rivers Update: बिहार में गंगा, कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. हालांकि अधिकांश नदियों के जलस्तर में कमी के संकेत हैं. जल संसाधन विभाग ने अपने सभी तटबंधों को सुरक्षित होने का दावा किया है. साथ ही तटबंधों की अभियंता लगातार निगरानी कर रहे हैं. जिला प्रशासन की तरफ से बाढ़ की आशंका वाले स्थलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की तैनाती की गई है.
बिहार में गंगा का जलस्तर कहां कितना है
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार पटना जिले के दीघाघाट में रविवार को गंगा नदी खतरे के निशान से 48 सेंमी नीचे थी. इसमें कमी की संभावना है. पटना के गांधीघाट में गंगा नदी खतरे के निशान से 12सेंमी ऊपर थी. इसमें छह सेंमी कमी की संभावना है. पटना जिला के हाथीदह में गंगा नदी खतरे के निशान से 35 सेंमी ऊपर थी. इसमें छह सेंमी कमी की संभावना है. मुंगेर में गंगा नदी खतरे के निशान से 72 सेंमी नीचे थी. इसमें कमी की संभावना है. भागलपुर में गंगा नदी खतरे के निशान से 11 सेंमी ऊपर थी. इसमें 17 सेंमी कमी की संभावना है. कहलगांव में गंगा नदी खतरे के निशान से 93 सेंमी ऊपर थी. इसमें 14 सेंमी कमी की संभावना है.
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सोन, घाघरा और गंडक नदी का जलस्तर
पटना जिले के मनेर में सोन नदी खतरे के निशान से 98 सेंमी नीचे थी, इसमें कमी की संभावना है. सीवान के दरौली में घाघरा नदी खतरे के निशान से एक सेंमी नीचे थी, इसमें 13 सेंमी कमी की संभावना है. सीवान के गंगपुर सिसवन में घाघरा नदी खतरे के निशान से 43 सेंमी नीचे थी, इसमें 21 सेंमी कमी की संभावना है. गोपालगंज जिले के डुमरियाघाट में गंडक नदी खतरे के निशान से आठ सेंमी ऊपर थी. इसमें 10 सेंमी वृद्धि की संभावना है.
बूढ़ी गंडक, बागमती और कमला बलान
खगड़िया में बूढ़ीगंडक नदी खतरे के निशान से 87 सेंमी ऊपर थी. इसमें आठ सेंमी कमी की संभावना है. सीतामढ़ी जिले के ढेगब्रिज में बागमती नदी खतरे के निशान से 38 सेंमी नीचे थी. इसमें दो सेंमी कमी की संभावना है. मुजफ्फरपुर जिले के बेनीबाद में बागमती नदी खतरे के निशान से सात सेंमी नीचे थी. इसमें 104 सेंमी वृद्धि की संभावना है. मधुबनी जिले के जयनगर में कमला-बलान नदी खतरे के निशान से 76 सेंमी नीचे थी. इसमें 14 सेंमी कमी की संभावना है. मधुबनी जिले के झंझारपुर में कमला-बलान नदी खतरे के निशान से 87 सेंमी नीचे थी. इसमें सात सेंमी वृद्धि की संभावना है.
कोसी और परमान नदी का जलस्तर
सुपौल जिले के बसुआ में कोसी नदी खतरे के निशान से 58 सेंमी नीचे थी, इसमें परिवर्तन की संभावना नहीं है. खगड़िया जिले के बलतारा में कोसी नदी खतरे के निशान से 134 सेंमी ऊपर थी. इसमें 12 सेंमी कमी की संभावना है. कटिहार जिले के कुरसेला में कोसी नदी खतरे के निशान से 100 सेंमी ऊपर थी. इसमें 10 सेंमी कमी की संभावना है. अररिया में परमान नदी खतरे के निशान से छह सेंमी नीचे थी. इसमें 24 सेंमी कमी की संभावना है.
मौसम विभाग ने क्या संकेत दिए..?
बिहार में पिछले दिनों लगातार हुई बारिश से भी नदियों का जलस्तर बढ़ा है. कई इलाके जलमग्न हो गए. वहीं पिछले कुछ दिनों से बारिश पर ब्रेक लगा है. लेकिन मौसम विभाग का पूर्वानुमान संकेत दे रहा है कि फिर एकबार सूबे में बारिश का दौर शुरू हो सकता है. कई जिलों में भारी बारिश के आसार हैं. जिससे नदियाें का उफान और अधिक बढ़ सकता है.