Bihar: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने दशहरे के मौके पर गणेश उत्वस के दौरान हुए पथराव की घटनाओं का जिक्र किया. उन्होंने कहा, “पिछले दिनों गणेश उत्सव के दौरान विसर्जनों पर पथराव हुआ, क्यों हुआ कोई कारण नहीं था. ऐसी गुंडागर्दी नहीं चलनी चाहिए, किसी को भी चलाने नहीं देनी चाहिए. अपने अधिकार की रक्षा करना अपना अधिकार है. पुलिस प्रशासन का काम है, रक्षा करना लेकिन उससे पहले भी अपनों की मदद करना कर्तव्य है. मैं ये वर्णन किसी को डराने के लिए नहीं कर रहा हूं. ये परिस्थिति है, हमें ऐसी परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा.असंगठित और कमजोर रहना दुष्टों के अत्याचार को आमंत्रण देना है, क्योंकि कमजोर पर अत्याचारी प्रवृति के लोग हमला करते हैं.” उनके इस बयान से विपक्षी दलों में जैसे उबाल सा आ गया. आरएसएस प्रमुख के बयान पर लालू यादव की पार्टी राजद के उपाध्यक्ष तनवीर हसन ने निशाना साधते हुए कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेंद्र मोदी 20 फीसदी आबादी से 80 फीसदी आबादी को डराने का काम कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने आरएसएस प्रमुख के भाषण को लेकर कही ये बात
पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट में लिखा, “राष्ट्र सेवा में समर्पित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस आज अपने 100वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. अविरल यात्रा के इस ऐतिहासिक पड़ाव पर समस्त स्वयंसेवकों को मेरी हार्दिक बधाई और अनंत शुभकामनाएं. मां भारती के लिए यह संकल्प और समर्पण देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करने के साथ ही ‘विकसित भारत’ को साकार करने में भी नई ऊर्जा भरने वाला है. आज विजयादशमी के शुभ अवसर पर सरसंघचालक मोहन भागवत का उद्बोधन जरूर सुनना चाहिए.”
कट्टरपन की मानसिकता जब तक है…
बांग्लादेश में हिंदुओं संग हुई ज्यादती पर संघ प्रमुख बोले, “भारत लगातार आगे बढ़ रहा है, लेकिन जब कोई भी देश जो आगे बढ़ रहा है, उसकी राह में अड़ंगा लगाने वाले लोग भी बहुत सारे होते हैं. इसलिए दूसरे देशों की सरकारों को कमजोर करना दुनिया में चलते रहता है. अब हमारे पड़ोस में बांग्लादेश में क्या हुआ हमने देखा. उस उत्पात के कारण हिंदू समाज पर फिर से हमला हुआ. वहां कट्टरपन की मानसिकता जब तक है, तब तक वहां हिंदुओं ही नहीं बल्कि अन्य अल्पसंख्यकों पर हमले का खतरा बरकरार रहेगा.’
संगठित रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे- योगी
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विजयादशमी के मौके पर कहा कि जब हम संगठित रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे. छुआछूत, अश्पृश्यता को दूर कर एकजुट रहेंगे तो खुद की और राष्ट्र की भी सुरक्षा कर सकेंगे. हमें उन पाखंडों से दूरी बनाकर रहना है, जिससे चलते गुलामी का दंश झेलना पड़ा और आक्रांताओं को हमारे धर्म स्थलों को खंडित करने तथा सामाजिक ताने बाने को छिन्न भिन्न करने का मौका मिला.
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