Bihar School: बिहार के सरकारी स्कूलों में बच्चों को ट्यूशन देंगे कॉलेज के टीचर, जानें पूरी योजना

Bihar School: पटना. बिहार के सरकारी स्कूलों में अब बच्चों को कॉलेजों के टीचर ट्यूशन देंगे. शिक्षा विभाग ने बच्चों में विज्ञान को लेकर जागरुकता बढ़ाने के लिए इस योजना की शुरुआत की है.

By Ashish Jha | July 1, 2024 3:44 PM
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Bihar School: पटना. बिहार के सरकारी स्कूलों में अब बच्चों को कॉलेजों के टीचर ट्यूशन देंगे. शिक्षा विभाग ने बच्चों में विज्ञान को लेकर जागरुकता बढ़ाने के लिए इस योजना की शुरुआत की है. शिक्षा विभाग की ओर से कहा गया है कि अब सरकारी स्कूलों के बच्चों को इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक कॉलेजों के शिक्षक पढ़ाएंगे. इन कॉलेज शिक्षकों को रोस्टर बनाकर हर दिन एक घंटा पढ़ाना है. उन्हें 15 वें दिन अपनी रिपोर्ट भी जमा करनी होगी. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने इसको लेकर निर्देश जारी किए हैं.

प्राचार्य और डीईओ आपस में करेंगे समन्वय

मुजफ्फरपुर समेत सभी जिलों के कॉलेजों के प्राचार्य और डीईओ को आपस में समन्वय कर इसे करवाने का जिम्मा मिला है. अपर मुख्य सचिव और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव ने कहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेजों में नियमित शिक्षकों के साथ बीपीएससी से भी हाल के दिनों में शिक्षक बहाल हुए हैं. यह आदेश खासकर ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी स्कूलों के बच्चों को पढ़ाने के लिए दिया गया है. रोस्टर बनाकर हर दिन एक घंटा पढ़ाना है.

15 वें दिन जमा करनी है रिपोर्ट

हर 15 वें दिन अपने पढ़ाए हुए की रिपोर्ट जमा करनी है. सरकार के महत्वाकांक्षी सात निश्चय कार्यक्रम के तहत सभी जिलों में राजकीय इंजीनियरिंग और पोलिटेक्निक कॉलेज स्थापित हैं. इन में शिक्षकों के रहने के भी इंतजाम हैं. इनके खुलने से गांव के बच्चों में भी उच्च शिक्षा को हासिल करने की लालसा पैदा होगी. बच्चों के साथ ही पूरे समाज के लिए जरूरी है कि इन संस्थानों में कुशल और योग्य टीचर हों, ताकि सुदूर गांव में रहकर पढ़ाई कर रहे बच्चों को भी प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी में मदद मिल सके.

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पहले भी हो चुकी है कोशिश

पहले प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद के लिए पहल कार्यक्रम की शुरूआत की गई थी, लेकिन ज्यादातर जगहों पर कोई कार्रवाई ही नहीं हुई. ऐसे में शिक्षकों का रोस्टर ऐसे तैयार किया जाएगा, ताकी सभी स्कूल के बच्चों को लाभ मिले. रोजाना सुबह 9 बजे से पहलेया शाम 4 बजे के बाद एक घंटा शिक्षक बच्चों को गणित, विज्ञान, रसायन, भौतिकी व अंग्रेजी को सरल तरीके से पढ़ाया करेंगे. इसमें कक्षा 8वीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को शामिल किया जाएगा.

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