बिहार ने कायम किया रिकॉर्ड, एक दिन में 13 लाख मजदूरों को मिला काम
ग्रामीण विकास विभाग की ओर चलाये जा रहे मनरेगा कार्यक्रम के माध्यम से एक दिन में 13 लाख मजदूरों को काम देने का रिकॉर्ड कायम किया गया है.
पटना : ग्रामीण विकास विभाग की ओर चलाये जा रहे मनरेगा कार्यक्रम के माध्यम से एक दिन में 13 लाख मजदूरों को काम देने का रिकॉर्ड कायम किया गया है. शनिवार को विभागीय मंत्री श्रवण कुमार की ओर से बताया गया कि अब तक छह करोड़ 69 लाख मानक दिवस का सृजन किया गया है. विभाग के माध्यम से मनरेगा के तहत चार लाख छह हजार योजनाओं पर काम हो रहा है.
इसके अलावा मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक शौचालय के निर्माण कार्य में लगभग 11 हजार मानव दिवस सृजित हो चुके हैं. इस प्रकार केवल लॉकडाउन की अवधि यानी 20 अप्रैल से प्रतिदिन औसतन 9 लाख 80 हजार मानव दिवस सृजित हुए हैं. यदि पूरे वित्तीय वर्ष के इन तीन महीनों की बात की जाये, तो औसतन सात लाख 70 हजार मानव दिवस प्रतिदिन सृजित हुए हैं.
आठ हजार तीन सौ 86 पंचायतों में काम चालू
ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि राज्य की कुल 8386 ग्राम पंचायतों में से आठ हजार 78 पंचायतों में मनरेगा के कार्य चल रहे हैं. कार्य में संलग्नता के आधार पर 16 लाख 76 हजार 286 मजदूरों के लिए इ-मस्टर रोल निर्गत किया गया है. अब तक कुल लगभग चार लाख 10 हजार योजनाओं पर काम किया गया है.
इनमें से मनरेगा की चार लाख 6 हजार 481 एवं लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान की 3328 योजनाओं का कार्य हुआ है. मनरेगा की योजनाओं में तीन लाख 54 हजार आठ सौ 33 व्यक्तिगत अथवा निजी लाभ की योजनाएं हैं. जल-जीवन-हरियाली से संबंधित लगभग 28 हजार योजनाओं के अतिरिक्त लगभग 13 हजार की अन्य प्रकार की योजनाएं संचालित की गयीं अथवा की जा रही हैं.