बिहार में शराबबंदी के बदले हुए नियम लागू, जेल में बंद आरोपित भी जुर्माना देकर छूट सकेंगे, केस भी होगा बंद
Bihar Sharab News: बिहार में शराबबंदी के नियम में बदलाव हुआ है. संशोधित बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद नियमावली अब लागू हो गयी है. जेल में बंद शराब पीने के आरोपित भी जुर्माना देकर अब छूट सकेंगे और इन शर्तों के साथ केस भी बंद होगा.
Bihar Sharab News: शराब पीने के आरोप में पहली बार जेल गये वैसे अभियुक्त, जो 30 दिनों की सजा पूरी कर चुके हैं, वे जेल से छूट सकेंगे. 30 दिनों की सजा पूरी नहीं करने वाले अभियुक्त भी दो से पांच हजार रुपये का जुर्माना देकर छूट पायेंगे. यही नहीं, उन पर चल रहा केस भी बंद कर दिया जायेगा. हालांकि, इसके लिए उनको कार्यपालक दंडाधिकारी के समक्ष समर्पण प्रपत्र दाखिल करना होगा.
सोमवार को मंजूर की गयी नियमावली में इसको लेकर प्रावधान
राज्य कैबिनेट द्वारा सोमवार को मंजूर की गयी बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद (संशोधन) नियमावली-2022 में इसको लेकर प्रावधान किया गया है. मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने मंगलवार को इस संशोधित नियमावली की गजट अधिसूचना जारी कर दी है.
पूर्व में किसी वाहन या परिसर की सीलबंदी हुई है, तो…
शराबबंदी कानून के उल्लंघन में यदि पूर्व में किसी वाहन या परिसर की सीलबंदी हुई है, तो नये कानून के तहत उसे छुड़ाने का मौका मिल सकेगा. बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद (संशोधन) नियमावली- 2022 में यह प्रावधान किया गया है कि वाहन या संपत्ति की जब्ती व नीलामी संबंधित लंबित यानी पुराने मामलों में भी मालिक को जुर्माना देकर जब्त वाहन या परिसर छुड़ाने का अवसर दिया जायेगा और उस पर चल रहे केस को बंद कर दिया जायेगा.
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मौके पर ही नष्ट की जायेगी शराब
शराब पीते या नशे की अवस्था में पकड़े गये लोगों के पास बरामद शराब को कार्यपालक मजिस्ट्रेट तत्काल नष्ट करवा सकेंगे. डीएम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी जब्त शराब को लंबे समय तक भंडारित रखने की अनुमति नहीं दी जायेगी. वह सुनिश्चित करेंगे कि शराब को रसायनज्ञ की रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद उसकी जब्ती के 15 दिनों के अंदर नष्ट कर दिया जाये.
जुर्माना नहीं देने पर 30 दिनों का जेल
पहली बार शराब पीते पकड़े जाने पर गिरफ्तार अभियुक्तों पर दो से पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा. पुलिस के साथ सहयोग नहीं करने या जुर्माने का भुगतान नहीं करने पर उनको 30 दिन तक जेल में रहना पड़ेगा. यदि कोई व्यक्ति दूसरी बार शराब पीते पकड़ा गया, तो उसको अनिवार्य रूप से एक साल की सजा मिलेगी. आदतन शराबी की पहचान उनके फोटो, आधार कार्ड व ब्रेथ एनलाइजर के डिजिटल रिकॉर्ड से होगी, जो मद्य निषेध विभाग द्वारा संरक्षित कर रखी जायेगी.
बीमा कंपनी द्वारा तय वाहन मूल्य का आधा लगेगा जुर्माना
नियमावली के मुताबिक शराब के साथ पकड़े गये वाहन के मामले में बीमा कंपनी द्वारा निर्धारित वाहन मूल्य का 50 प्रतिशत जुर्माना लेकर वाहन छोड़ दिया जायेगा. बीमाकृत मूल्य उपलब्ध नहीं होने पर डीटीओ से उसका मूल्य निर्धारित कराया जायेगा. वाहन का दावेदार नहीं होने पर जब्ती तिथि से 15 दिन तक इंतजार करने के बाद उसके अधिहरण व नीलामी की कार्रवाई की जायेगी.
Published By: Thakur Shaktilochan