बिहार में शराबबंदी को लेकर अब नये नियम को हरी झंडी मिल गयी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद (संशोधन) अधिनियम 2022 के तहत बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद (संशोधन) नियमावली 2022 के प्रारूप को मंजूरी दी.
नये नियमों की मंजूरी में अब कोई व्यक्ति पहली बार शराब पीते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे दो से पांच हजार रुपये तक जुर्माना लेकर छोड़ दिया जायेगा. अगर अभियुक्त पुलिस के साथ सहयोग नहीं कर रहा है या जुर्माना नहीं देता है, तो उसे 30 दिनों का जेल दिया जायेगा.
अगर कोई व्यक्ति शराब पीते हुए दूसरी बार पकड़ा जाता है, तो जुर्माना न लेकर उसे अनिवार्य रूप से एक साल का जेल होगा. बैठक में कुल 14 प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी. अपर मुख्य सचिव ने कहा कि नयी नियमावली से कार्यपालिका और न्यायपालिका के कार्य बोझ में कमी आने के साथ-साथ शराब के आपूर्तिकर्ताओं व तस्करों पर ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा. साथ ही ऐसे लोगों पर त्वरित दंडात्मक कार्रवाई की जा सकेगी.
कैबिनेट ने बिहार आकस्मिकता निधि के स्थायी फंड, जो 350 करोड़ है, उसको 30 मार्च, 2023 तक के लिए अस्थायी रूप से बढ़ाकर 9500 करोड़ करने की मंजूरी दी गयी है. यह कुल बजट का चार प्रतिशत तक किया जा सकता है.
पुलिस अब किसी को शराब पीते पकड़ती है, तो उसकी सुनवाई ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की जगह द्वितीय श्रेणी के मजिस्ट्रेट करेंगे. कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि पटना हाइकोर्ट से अनुरोध किया गया है कि वह द्वितीय श्रेणी के मजिस्ट्रेट को सुनवाई की शक्ति प्रदान करे.
नियमावली में यह भी प्रावधान किया गया है कि शराब के साथ गाड़ी के पकड़े जाने पर बीमा राशि का 50% जुर्माना लेकर उसे छोड़ दिया जायेगा. साथ ही अब बरामद शराब का सैंपल रख कर शेष को मौके पर ही नष्ट किया जा सकेगा. इसके लिए कोर्ट या किसी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan