Bihar : बिहार में नदियों पर बनेंगे छोटे-छोटे बराज, सरकार करायेगी वीयरों का सर्वे

Bihar : वीयरों की क्षमता कम होने के कारण इनकी उपयोगिता सीमित हो गई है, जबकि जरूरत लगातार बढ़ रही है. तकनीकी रूप से भी कई वीयरों का उन्नयन आवश्यक हो गया है. इसी वजह से वीयरों को बराज में बदलनेकी योजना बनाई गई है.

By Ashish Jha | September 3, 2024 10:10 AM
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Bihar : पटना. बिहार में बाढ़ और सुखाड़ की समस्या को देखते हुए सरकार जल प्रबंधन और सिंचाई का नया प्लान लेकर आई है. बिहार की नदियों पर बने वीयरों को छोटे-छोटे बराजों पर बदलने की तैयारी है. हालांकि इनमें कुछ ही वीयरों को बराज में बदला जाएगा. कुछ स्थानों पर वीयर के आसपास नया बराज बनाने की भी योजना है. पूरे राज्य में नदियों पर बने वीयरों का सर्वे किया जा रहा है.

जल संसाधन विभाग में तैयारी शुरू

दरअसल वीयरों की क्षमता कम होने के कारण इनकी उपयोगिता सीमित हो गई है, जबकि जरूरत लगातार बढ़ रही है. तकनीकी रूप से भी कई वीयरों का उन्नयन आवश्यक हो गया है. इसी वजह से वीयरों को बराज में बदलनेकी योजना बनाई गई है. अब विभाग की ओर से उनकी जरूरतों का आकलन भी किया जा रहा है. इस परियोजना को जमीन पर उतारने के लिए जल संसाधन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. शीघ्र ही इस योजना पर काम शुरू हो जाएगा.

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कमला वीयर को बराज में बदलने की योजना मंजूर

पिछले दिनों बिहार सरकार ने कमला वीयर को बराज में बदलने की योजना को मंजूर दी थी. इस वीयर के 100 मीटर डाउन स्ट्रीम में 550 मीटर लंबे बराज की योजना मंजूर की गई है. इसी तरह नाटा वीयर को भी बराज में बदलनेकी योजना मंजूर हो गई. नए बराजों के निर्माण से किसानों को सिंचाई के लिए अधिक पानी तो मिलेगा ही, बड़े इलाके को बाढ़ की समस्या से भी मुक्ति मिलेगी. मौजूदा वीयरों से इस समस्या के निदान में परेशानी हो रही है. किसानों को सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता कम हो पा रही है. यही नहीं, बाढ़ की समस्या पर भी प्रभावी अंकुश नहीं लग पा रहा है.

क्या है नदियों पर बने वीयर

वीयर एक छोटा सा बांध होता है, जो नदी के ऊपर के जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए बनाया जाता है. इसका इस्तेमाल धाराओं, नदियों और अन्य जल निकायों में पानी के प्रवाह को नियंत्रित करनेके लिए किया जाता रहा है. वीयर बनानेका लक्ष्य जलस्तर पर कुछ नियंत्रण प्राप्त करना है. इसके निकट संरचना का निर्माण कर के पानी निकाला जाता हैऔर उसका उपयोग सिंचाई के लिए भी किया जाता है.

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