सीबीआइ की विशेष टीम ने भागलपुर के बहुचर्चित सृजन घोटाला मामले की दो आरोपियों अर्पणा वर्मा और रूबी कुमारी को गिरफ्तार कर लिया. अर्पणा वर्मा को भागलपुर के पास सबौर से गिरफ्तार किया गया. वह दीपक कुमार वर्मा उर्फ अभिषेक कुमार की पत्नी हैं. भागलपुर सदर से विपिन शर्मा की पत्नी रूबी कुमारी को भी गिरफ्तार किया गया. इन दोनों के खिलाफ एक दिन पहले सीबीआइ की विशेष अदालत ने गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था.
अदालत ने कुल आठ लोगों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था, जिसमें अब तक तीन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इसमें शामिल छह महिलाएं समेत आठ लोग सृजन प्रबंध समिति में अहम भूमिका रखते थे और पूरा घोटाला इनकी जानकारी या मिली-भगत से हुआ है. इसमें गुरुवार की देर रात को ही पुर्णेंदु कुमार को सीबीआइ ने गिरफ्तार किया था. वह सीए हैं और सृजन के सभी एकाउंट का ऑडिट एके मिश्रा एंड एसोसिएट नामक सीए संस्थान के साथ मिलकर किया था. पूरी ऑडिट रिपोर्ट में किसी तरह की गड़बड़ी का कोई उल्लेख ही नहीं किया गया था. इससे यह स्पष्ट होता है कि पूरे घोटाले को जानबूझ कर नजरअंदाज करते हुए ऑडिट रिपोर्ट तैयार की गयी थी.
सीबीआइ की टीम शुक्रवार को भागलपुर में काफी सक्रिय रही और कई स्थानों पर सघन छापेमारी की. इसका मुख्य मकसद सभी गैर-जमानती आरोपियों को गिरफ्तार करना था. साथ ही इससे जुड़े सभी पहलुओं की जांच करना था. इस दौरान टीम सृजन संस्थान की प्रमुख स्व. मनोरमा देवी की बहू रजनी प्रिया और बेटे अमित कुमार के घर भी पहुंच कर घंटों पूछताछ की. हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इन घर से सीबीआइ ने कोई कागजात जब्त किये या नहीं. जिन रूबी कुमारी की गिरफ्तारी की गयी है, वह विपिन शर्मा की पत्नी हैं.
उनका नाम सृजन की प्रबंधन समिति में था. इस वजह से इन्हें आरोपी बनाया गया है. विपिन शर्मा भागलपुर जिला के किसान प्रकोष्ठ के पूर्व जिलाध्यक्ष थे और उनका जूता-चप्पल की दुकान है. परंतु सृजन से जुड़ने के बाद उन्होंने करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली. इसी तरह दीपक वर्मा सृजन के मुख्य कार्यालय के पास रहता था और वह भी सामान्य व्यापार करता था, लेकिन सृजन से जुड़ने के बाद वह अचानक करोड़पति हो गया. वह बाजार में ब्याज पर पैसे लगाने का भी काम करता था और इसके साथ ठेकेदारी भी शुरू कर दी थी.
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