गुरुवार को दोपहर में जबरदस्त तपिश और वायुमंडल में बढ़ी हुई नमी के संयोग से पश्चिम में गोपालगंज से लेकर पूर्व में कटिहार तक जबरदस्त आंधी चली. आंधी के साथ-साथ कई जगहों पर पानी भी बरसा. आंधी के दौरान पेड़ व झोंपड़ी गिरने व ठनके से राज्य भर में 23 से अधिक लोगाें की मौत हो गयी, जबकि कई घायल हो गये.
हालांकि, आपदा प्रबंधन विभाग ने नौ लोगों के मरने की पुष्टि की है. कई जगह बिजली के पाेल व ट्रांसफॉर्मर व पेड़ उखड़ गये और बिजली आपूर्ति और परिवहन ठप हो गया. कुछ जगह ओलावृष्टि की स्थिति भी बनी. मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक अगले चार दिन भी पूरे बिहार में थंडर स्टोर्म का अलर्ट जारी किया है.
इस आंधी-पानी (थंडर स्टोर्म ) की विशेष दशा को और बिहार से गुजरती दो-दो ट्रफलाइन के चलते बने कम दबाव ने प्रेरक का काम किया. इस तरह 200 किमी की चौड़ाई का दायरा लेकर चली इस आंधी-पानी ने एक मौसमी चक्र बना लिया. यह विशेष थंडर स्टोर्म 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 450 किमी तक चला.
थंडर स्टोर्म जिस इलाके से भी गुजरा जन-जीवन अस्त व्यस्त कर दिया. यातायात थम गया. दिन में अंधेरा-सा छा गया. गंगा के मैदानी इलाकों में धूल का बवंडर आसमान में काफी घना और ऊंचाई तक देखा गया. गोपालगंज से उठा यह थंडर स्टोर्म चौड़ाई में पश्चिमी चंपारण के कुछ क्षेत्र से लेकर भोजपुर तक फैला हुआ था.
इस विस्तार के साथ यह थंडर स्टोर्म सीवान, सारण, मुजफ्फरपुर, पटना, वैशाली, समस्तीपुर होते हुए कटिहार तक पहुंचा. पटना में पालीगंज में ओलावृष्टि भी हुई. पटना जिले में पालीगंज ही वह जगह है, जहां इस सीजन में सर्वाधिक थंडर स्टोर्म देखे जा रहे हैं. साथ ही यहां ओलावृष्टि की स्थिति भी बन रही है.
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फिलहाल गुरुवार को कमोबेश शायद ही कोई ऐसा जिला न हो, जहां थंडर स्टोर्म का कम समय का अलर्ट जारी नहीं किया गया हो. गोपालगंज से कटिहार तक के विशेष थंडर स्टोर्म को छोड़ दें, तो शेष जगहों पर स्थानीय वजहों से थंडर स्टोर्म बना. आइएमडी ने अकेले पटना और वैशाली के लिए आइएमडी ने चार बार अलर्ट जारी किया.