Bihar Teacher: बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक अगर किसी निजी कोचिंग में पढ़ाते हुए पकड़े जाते हैं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने कहा कि ऐसे शिक्षकों को चिह्नित करके नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई बच्चा सरकारी स्कूल में नामांकित है, तो वह स्कूल के समय में कोचिंग में पढ़ाई नहीं कर सकता है. स्कूल की अवधि के बाद कोचिंग जाने पर कोई रोक नहीं है.
डॉ सिद्धार्थ ने बताया आगे का प्लान
डॉ सिद्धार्थ ने कहा कि स्मार्ट क्लास किस-किस स्कूल में है. इसको लेकर सर्वे हो रहा है. जहां- जहां भवन बन गये हैं, स्मार्ट क्लास के कमरे बन गये हैं, वहां जल्द स्मार्ट क्लास शुरू हो जायेगा. सर्वे रिपोर्ट आने के बाद स्मार्ट क्लास शुरू कर बच्चों को तकनीकी शिक्षा से जोड़ा जायेगा. अपर मुख्य सचिव ने कहा कि फिलहाल सभी स्कूलों का भवन तैयार हो रहा है. इससे स्मार्ट क्लास शुरू करने में सहूलियत होगी.
इसके अलावा स्कूलों में हर शनिवार को एनसीसी, एनएसएस और स्काउट गाइड का कार्यक्रम शुरू हो सके, इसके लिए विभाग के स्तर पर सर्वे शुरू होगा. सभी स्कूलों में बहुत जल्द इसकी शुरुआत की जायेगी. डॉ सिद्धार्थ ने कहा कि शारीरिक शिक्षा विषय को पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए खेल विश्वविद्यालय से सुझाव लिये जायेंगे. इसके बाद विभाग फैसला लेगा.
स्कूल की बाउंड्री में सिर्फ शैक्षणिक कार्य किये जायेंगे
अपर मुख्य सचिव ने स्कूल की बाउंड्री में सिर्फ शैक्षणिक कार्य ही किये जायेंगे. कोई डांस, ड्रामा और रील की अनुमति नहीं होगी. स्कूल के बाहर कोई कुछ भी करे, इस पर रोक नहीं है. उन्होंने कहा कि हेड मास्टर स्कूल प्रशासन के प्रमुख होते हैं. स्कूल में समय से कक्षा शुरू होने, पढ़ाई होने की जिम्मेवारी उनकी है. डॉ सिद्धार्थ ने कहा कि किसी हेड मास्टर ने आज तक किसी शिक्षक के बारे में लापरवाही बरतने की शिकायत नहीं की है. लेकिन यदि कोई हेड मास्टर ऐसी निष्पक्ष शिकायत करेंगे, तो निश्चित रूप से कार्रवाई होगी.
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